पटना । भाजपा के अंदर किस प्रकार की तानाशाही है यह पटना जल जमाव को लेकर सरकार की कार्यशैली को देखकर पता चल रहा है। भाजपा कोटे से मंत्री बने सुरेश शर्मा पहले जल जमाव की जांच के लिए विभागीय कमेटी बनाते हैं, लेकिन जैसे ही भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि कोई कमेटी नहीं बनेगी, शर्मा अपने ही आदेश को फर्जी बताने लगे। भाजपा नेता सुशील मोदी के बाद अब नगर विकास मंत्री ने भी अपने ही विभाग से जारी आदेश को झुठला दिया है। नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा है कि जल जमाव के जांच के लिए कोई कमेटी नहीं बनी है। उन्होंने कहा है कि जलजमाव को लेकर 14 अक्टूबर को सीएम हाउस में एक उच्च स्तरीय बैठक होनी है। बैठक के बाद ही जलजमाव के जांच को लेकर किसी कमेटि का गठन होगा और इसमें वैसे किसी अधिकारी को शामिल नहीं किया जायेगा। जिनके जिम्मे जल निकासी की जिम्मेवारी थी।
बता दे गुरुवार को नगर विकास विभाग की ओर से एक आदेश जारी किया गया था। जिसमें कि नीतीश सरकार का सुशासन कैसे डूब गया? कारणों की तह तक जाने के लिए सरकार ने 3 सदस्य कमेटी का गठन किये जाने की बात गुरुवार को नगर विकास विभाग की ओर से की गई थी। कहा गया था कि जल जमाव की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट 1 सप्ताह में सरकार को सौंपेगी। जांच टीम में नगर विकास एवं आवास विभाग के विशेष सचिव संजय कुमार को अध्यक्ष बनाया गया है जबकि बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम के एमडी को सदस्य उसके अलावे नगर आयुक्त पटना नगर निगम वह भी सदस्य बनाया गया है।
कमेटी को कई बिंदु पर जांच कर रिपोर्ट देना है। गउनमें है—- किन किन क्षेत्रों में जल- जमाव हुआ और उन क्षेत्रों में जलजमाव की मुख्य वजह क्या रही? जिन क्षेत्रों में जलजमाव हुआ है उनमें जलजमाव के कारणों के लिए कौन पदाधिकारी और अभियंता जिम्मेदार है ? जलजमाव रहने के कारण सिस्टम की कमी किस प्रकार की रही इसकी भी जांच की जाएगी… क्या संप हाउस के नियमित कार्यरत नहीं रहने के कारण जल जमाB हुआ…. कौन-कौन से संप हाऊस बारिश की अवधि में कार्यरत नहीं रहे और इसके लिए कौन पदाधिकारी जिम्मेदार है……
क्या शहर के नालों की सफाई नहीं होने की वजह से जल जमाव हुआ…. जांच टीम वार्ड पार्षदों से भी इनकी कारणों की जानकारी इकट्ठा करेगी. जांच दल प्रत्येक बिंदुओं की जांच करेगी और इसके लिए कौन पदाधिकारी, अभियंता इसके लिए जिम्मेदार रहे इसका भी स्पष्ट उल्लेख प्रतिवेदन में करने का निर्देश दिया गया है।