पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने यूपीए से नाता तोड़ लिया है. इसका औपचारिक ऐलान आज दोपहर दो बजे किया जाएगा. बताया जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा बिहार चुनाव के लिए बीएसपी और वीआईपी पार्टी के साथ मिलकर तीसरा मोर्चा बनाएंगे. यह मोर्चा कुशवाह के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा. यूपीए से मोहभंग होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा, एनडीए के भी संपर्क में थे, लेकिन सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई. अब उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा और बीएसपी के बीच बिहार में एक और गठबंधन होने जा रहा है. इस गठबंधन का नेतृत्व उपेंद्र कुशवाहा करेंगे.
उपेंद्र कुशवाहा राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नेतृत्व स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं. साथ ही महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर भी नाराज थे. यही वजह है कि उन्होंने यूपीए का साथ छोड़कर एनडीए में शामिल होने की कोशिश, लेकिन वहां भी सीटों पर सहमति न बन पाने के बाद तीसरा मोर्चा बनाने का फैसला किया है. गौरतलब है कि उपेद्र कुशवाहा की रालोसपा, महागठबंधन का हिस्सा बनने से पहले एनडीए के साथ थी, लेकिन 2018 में कुशवाहा एनडीए से अलग हो गए. उपेंद्र कुशवाहा आरएलएसपी के संस्थापक हैं. मोदी सरकार में साल 2014 में उन्हें ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पेय जल और स्वच्छता मंत्रालय का राज्यमंत्री बनाया गया था.
इसके बाद जब कैबिनेट में फेरबदल हुआ तो उपेंद्र कुशवाहा को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय का राज्यमंत्री बनाया गया. उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री के पद से इस्तीफे के साथ ही एनडीए से भी नाता तोड़ दिया था. इसके बाद वह महागठबंधन का हिस्सा बन गए थे, लेकिन अब उन्होंने तीसरा मोर्चा बनाने का फैसला किया है.