
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 का लघु सारांश : किसी को गिरफ्तार करने के लिए वारंट या मजिस्ट्रेट की इजाजत की जरूरत नहीं होगी। विशेष सशस्त्र पुलिस बिना वारंट के किसी की तलाशी कर सकेगी। आप विरोध नहीं कर सकते। किसी अधिकारी पर किसी अपराध का आरोप लगता है, तो कोर्ट खुद से संज्ञान नहीं ले पाएगी। गिरफ्तारी के बाद प्रताड़ित करने का आरोप लगता है तो बिना अनुमति कोर्ट कुछ नहीं कर सकता। प्रतिष्ठान की सुरक्षा की जवाबदेही होने पर बिना वारंट और बिना मजिस्ट्रेट के गिरफ्तार किया जा सकता है। पुलिस केवल ‘विश्वाश'(की आपने कोई अपराध किया है) के तर्ज पर गिरफ्तार कर सकती है।
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 को विधानसभा में पेश करते हुए प्रभारी मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने इस विधेयक की विशेषताओं के बारे में बताया। कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य राज्य के विकास एवं व्यापक हित में वर्तमान में कार्यरत बीएमपी को समर्पित, कुशल प्रशिक्षित, पूर्णत: सुसज्जित और बहुज्ञानक्षेत्रीय सशस्त्र पुलिस बल के रूप में विकसित करना है। यह विधेयक किसी नए पुलिस बिल के गठन का प्रस्ताव नहीं करता है, बल्कि पिछले 129 सालों से कार्यरत बिहार सैन्य पुलिस (बीएमपी) को विशेष सशस्त्र पुलिस बल के रूप में पुनर्नामांकित करते हुए उसे सुदृढ़ बनाने की कोशिश है।
बंगाल, ओडिशा और यूपी के बाद बिहार ने लाया विधेयक
मंत्री ने कहा कि तीन राज्य व नेपाल के साथ बिहार के जुड़े होने के कारण बिहार में एक सशस्त्र पुलिस बल की जरूरत महसूस की जा रही थी। बंगाल, ओडिशा और यूपी के बाद बिहार ने भी इस विधेयक को लाया। इससे राज्य की आंतरिक सुरक्षा मजबूत होगी और केंद्रीय पुलिस बल पर निर्भरता कम होगी। साल 2010 में केंद्रीय बल की 23 कंपनियां थी। अभी यह 45 हो चुकी है। इससे राज्य को अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे थे। बीएमपी के बदले नया सशस्त्र बल बनने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। पहले से ही राज्य में जिला पुलिस बल व सशस्त्र पुलिस बल मौजूद है। एक शताब्दी के अपने सुविख्यात अस्तित्व के दौरान बीएमपी ने अपनी कार्यपद्धति से अलग कार्य संस्कृति विकसित की है। इसी को आगे बढ़ाते हुए सशक्त पुलिस बल बनाया जा रहा है।

अगर कोई अपने अधिकारों का दुरुपयोग करेगा तो होगी कार्रवाई
मंत्री ने कहा कि बीएमपी अभी बोधगया, महाबोधि मंदिर, दरभंगा एयरपोर्ट आदि की भी सुरक्षा कर रहा है। विशेष बल लोक व्यवस्था का संधारण, उग्रवाद से मुकाबला, प्रतिष्ठानों की बेहतर सुरक्षा के साथ ही वह सभी कार्य करेगी जो सरकार की ओर से अधिसूचित किए जाएंगे। औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा करेंगे, लेकिन बल को असीमित अधिकार नहीं दिए गए हैं। अगर कोई अपने अधिकारों का दुरुपयोग करता है तो उस पर कार्रवाई करने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। बिना वारंट की गिरफ्तारी पर कहा कि यह तो पुलिस को मौजूदा समय में भी अधिकार प्राप्त है। क्या कोई पुलिस पर हमला करेगा, शांति-व्यवस्था भंग करने की कोशिश करेगा तो पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेगी।