बच्चों के सफलता पर उनसे ज्यादा प्रसन्नता उनके माता-पिता को मिलती है, परंतु राजस्थान के दौसा जिले के सिकराय उपखंड के खेड़ी रामला गांव (Kheri Ramla Village) की बेटियों की सफलता पर ना सिर्फ माता-पिता बल्कि पूरा गांव जश्न और उल्लास से झूम उठा।
जब दो सगी बहनें एक साथ आईएएस (IAS) बनकर पहली बार घर पहुंची तो गांव वालों ने उनके स्वागत सत्कार में कोई कसर नहीं छोड़ी और डीजे पर पूरा गांव जमकर नाचा। खेड़ी रामला के निवासी रमेश चंद्र मीणा की बेटी अनामिका मीणा और अंजलि मीणा (Anamika Meena IAS and Anjali Meena) ने एक साथ सिविल सेवा की परीक्षा (Civil Service Exam) में सफलता हासिल की।
अनामिका 116 और अंजलि 494 रैंक के साथ यूपीएससी (UPSC) परीक्षा में सफलता हासिल की। अब उनका परिवार चेन्नई में रहता है। आईएएस (IAS) बनने के बाद पहली बार जब अनामिका मीणा व अंजलि मीणा अपने पिता के साथ अपने गांव खेड़ी रामला आई।
इस बात का पता गाँववालों को लगने पर गांव के लोग सुबह उनके स्वागत में एनएच 21 पर पहुंच गए। गांव वालों के साथ परिवार ने N.H 21 पर ही अनामिका और अंजलि (Anamika Meena IAS and Anjali Meena) का स्वागत किया।
दोनों बहनों (IAS Sisters) को फूलों और नोटों की मालाएं पहनाई गई मार्ग में ग्रामीणों ने डीजे पर जमकर नाचा। IAS बनी बेटियों को ग्रामवासियों ने साफा पहनाया और तिलक लगाकर सत्कार किया। अनामिका और अंजलि ने गांव के हर घर में जाकर बड़े बुजुर्गों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। गांव की स्त्रियों ने दोनों बहनों के स्वागत में लोकगीत गाए। गांववालों का कहना है कि दोनों बहन आईएएस बन कर समूचे गांव का नाम रोशन किया है। अनामिका मीणा और अंजलि मीणा अपने परिवार में दूसरी और तीसरी आईएएस हैं। इससे पहले उनके पिता श्री रमेश चंद्र मीणा तमिलनाडु कैडर के आईएएस (IAS) हैं, जो इस समय तमिलनाडु खेल मंत्रालय में प्रिंसिपल सेक्रेटरी हैं।