बिहार के करीब 72 हजार प्रारंभिक स्कूलों में नामांकित पहली से आठवीं तक के बच्चों को दो माह का खाद्यान्न मिलेगा। स्कूलबंदी के दौरान अक्टूबर और नवम्बर के मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएम) का अनाज और उसकी समतुल्य राशि दी जाएगी। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश दिया है कि लाभुक बच्चों को दो माह के एमडीएम का खाद्यान्न और खाना पकाने की लागत (परिवर्तन मूल्य) की राशि उनके बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी। अक्टूबर और नवम्बर माह में कुल 40 कार्य दिवसों के लिए पहली से आठवीं के सभी बच्चों को एमडीएम के तहत निर्धारित प्रति बच्चा अनाज और परवर्तन मूल्य की राशि दी जाएगी। गौरतलब है कि पहली से पांचवीं तक के बच्चों को प्रति दिन 100 ग्राम अनाज और 4.97 रुपए परिवर्तन मूल्य जबकि कक्षा 6 से आठ के प्रति बच्चा 150 ग्राम खाद्यान्न तथा 7.45 रुपए अनाज पकाने का पैसा निर्धारित है।
प्रधान सचिव ने जिलों को भेजे आदेश में कहा है कि निर्धारित मानव के मुताबिक दो माह के लिए पहली से पांचवीं तक के हर बच्चे को 4 किलो अनाज तथा 198 रुपए जबकि छठी से आठवीं तक के बच्चे को प्रति बच्चा 6 किलो अनाज और 298 रुपए दिया जाएगा। राशि हर बच्चे के खाते में एनआईसी द्वारा डीबीटी से स्थानांतरित की जाएगी जबकि खाद्यान्न विद्यालयों को वितरण कैलेंडर बनाकर बांटना है। अनाज विद्यालय में कक्षावार अभिभावकों को बुलाकर वितरण किया जाएगा। गौरतलब हो कि राज्य में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर सभी स्कूल 14 मार्च से ही बंद हैं लेकिन प्रारंभिक कक्षाओं में नामांकित सभी बच्चों को मध्याह्न भोजन का लाभ नियमित दिया जा रहा है। इसके साथ ही रसोइयों का मानदेय वितरण भी जारी है।