टुन्ना पांडेय । बीजेपी का ऐसा चेहरा जो हमेशा से अपने बयानों के लिये सुर्खीयों में रहता हो । पहले शराबबंदी पर उनके बयान ने भूचाल लाया था । अब नीतीश कुमार पर उनके बयान ने उन्हे ले डूबा । दरअसल पिछले कुछ दिनों से बिहार के सियासी गलियारों में गहमा गहमी बढ़ गई थी । टुन्ना पांडेय के विवादित बयान के बाद वार-पलटवार का दौर चला. अब जब उन्हें बीजेपी ने पार्टी से निलंबित कर दिया तो सूबे में ‘इनविटेशन’ पॉलिटिक्स शुरू हो गया है. एक दल के नेता दूसरे दल के नेता को पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव दे रहे हैं. एक तरह जहां बीजेपी से निकाले गए टुन्ना पांडेय को कांग्रेस ने पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है. वहीं, दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले अजय सिंह ने मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब और ओसामा शहाब को जेडीयू में शामिल होने का न्योता दिया है.
इधर, टुन्ना पांडेय को पार्टी से निष्कासित किए जाने के फैसले को कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा ने दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि अगर टुन्ना पांडेय कांग्रेस में आना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है. वहीं, उन्होंने पीएम मोदी और सीएम नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि इनका रवैया ऐसा ही है. जब कोई नेता आवाज उठाता है, तो उसे दबाने के लिए उसे पार्टी से ही निकाल दिया जाता है.
असल में टुन्ना पांडेय नीतीश कुमार पर हमला करते-करते भावनाओं में इतने बह गए कि उन्होनें तेजस्वी यादव की ही तारीफ कर डाली । और इसी बात को मुद्दा बनाकर जदयू ने बखेड़ा खड़ा कर दिया और अंतत: मजबूर होकर भाजपा को उन्हे पार्टी से निकालना पड़ा ।
लेकिन उनका निलंबन भी बीजेपी की एक सोची समझी राजनीति ही है । असल में टुन्ना पांडेय का कार्यकाल 16 जुलाई को खत्म ही होने वाला है । और पार्टी ने जो निलंबन पत्र जारी किया है उसमें समय का कोई सीमा नहीं बताई गई है । अर्थात बीजेपी अगर चाहे तो उन्हे अगले महिने भी पार्टी में बुला सकती है । लेकिन फिलहाल तो इतना ही कहा जा सकता है कि पार्टी में अपनी नाक बचाने के चक्कर में टुन्ना पांडेय ने अपनी नाक ही कटवा ली ।