बौंसी की पहचान मंदार पर्वत से हैं । लेकिन अब इसकी पहचान एक और चीज से होने वाली है । बिहार का तीसरा रोपपे यहाँ जल्द ही शुरू होने वाला है । अब पर्यटक यहाँ भी रोपवे का मज़ा ले पाऐंगे । उम्मीद जतायी जा रही है कि अगस्त माह में ही इसका उद्घाटन हो जायेगा। जिसके बाद पर्यटक ऊंचाई से मंदार की वादियों का मजा ले सकेंगे। मालूम हो कि मंदार का रोपवे बिहार का तीसरा रज्जू मार्ग होगा।
बिहार का तीसरा रोपवे होगा
सबसे पहला रोपवे बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में 1969 में बनाया गया था। जबकि रोहतास किला पर जाने के लिए भी रोपवे का निर्माण किया गया है। यह बिहार का दूसरा रज्जू मार्ग था। अब मंदार में रोपवे बिहार का तीसरा रोपवे है, जो यहां के लोगों के लिए सपना था। अब वह पूर्ण रूप से उद्घाटन के इंतजार मे तैयार खड़ा है। मालूम हो कि उद्घाटन के बाद स्थानीय युवाओं को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही रोपवे का आकर्षण सैलानियों को अपनी ओर भारी संख्या में खींचने का काम करेगा।
मंदार में रोपवे निर्माण का सफर
मंदार में रज्जू मार्ग का सपना बांका के पूर्व सांसद पूर्व रेल राज्य मंत्री स्वर्गीय दिग्विजय सिंह ने देखा था। जिसके लिए उन्होंने अपने स्तर से काफी प्रयास भी किया था। यही वजह थी कि 2004 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत को वह मंदार लेकर आए थे। इसके बाद मंदार में रोपवे की चर्चा काफी गंभीर हो गयी। 2007 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंदार पहुंचकर रोपवे निर्माण के बारे में बताया था और कहा था कि मंदार में रोपवे का निर्माण होना चाहिए। इसके बाद बांका के तत्कालीन पर्यटन मंत्री डॉक्टर जावेद इकबाल के प्रयास से 20 जनवरी 2014 को तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के द्वारा मंदार में रोपवे निर्माण का शिलान्यास किया गया
आठ केबिन से पर्वत पर जायेंगे सैलानी
चार सीटर रोप-वे में आठ केबिन हैं। इससे मंदार पहाड़ की उचाई 786 मीटर जाने में पांच मिनट लगेगा। एक बार में 16 यात्री सवार हो सकेंगे केबिन में 500 किलोग्राम तक के 4 पैसेंजरों को आसानी से ले जाया जा सकेगा। 90 बिजली पोल के सहारे विद्युत पर्वत शिखर तक पहुंचाई गई है। इस संबंध विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रकाश झा ने बताया कि विद्युत का सारा काम पूरा कर दिया गया है। इसके संचालन के लिए 200 केवी व 100 केवी का दो अलग-अलग ट्रांसफॉर्मर को विद्युत आपूर्ति कर दी गयी है।