देश में नई शिक्षा नीति लागू होने के साथ ही B.Ed कोर्स में भी बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। साल 2030 से शिक्षण कार्य के लिए न्यूनतम अहर्ता के तौर पर 4 साल के B.Ed कोर्स को अनिवार्य कर दिया जाएगा। यही नहीं सरकार अब ऐसे B.Ed कोर्स कराने वाले शिक्षण संस्थानों पर भी नकेल कसने की तैयारी में है जहां पाठ्यक्रम सही तरीके से पूरा नहीं कराया जाता।
नई शिक्षा नीति के अनुसार साल 2022 तक राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद यानी एनसीटीई शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय स्तर का एक कंबाइंड स्टैंडर्ड तैयार करेगी। इसके लिए एनसीईआरटी, एससीईआरटी, शिक्षकों और सभी क्षेत्र के विशेषज्ञ संगठनों के साथ परामर्श किया जाएगा। मानकों के आधार पर 2030 में संशोधन किया जाएगा और इसके बाद प्रत्येक 10 साल बाद इसके रिव्यू की तैयारी है।
B.Ed के दस्तावेज में कहा गया है कि शिक्षकों को पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए भर्ती किया जाएगा पदोन्नति योगिता के ऊपर आधारित होगी। बिहार के कुछ कॉलेजों में 4 साल के B.Ed कोर्स चलाए जा रहे हैं। राज्य के अंदर 335 बीएड कॉलेजों में पढ़ाई होती है। इधर टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के संयोजक संजय कुमार ने कहा है कि नई शिक्षा नीति के तहत अगर B.Ed कोर्स को पारदर्शी बनाया जाता है तो इससे शिक्षा को फायदा मिलेगा।