विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में विपक्षी पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में पीछे नहीं हट रही हैं। इसी कड़ी में भाजपा के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर सोमवार को एक ट्वीट किया गया है, जिसमें लिखा गया है कि 1990 के दशक में लालू यादव के राज में बिहार में तैयार हुई एक भयानक डिक्शनरी! क से क्राइम, ख से से खतरा, ग से गोली… याद है ना? रा से रंगदारी, ज से जंगलराज, द से दादागिरी। बिहार की जनता को इस डिक्शनरी के ज्ञान को न ही फिर से जानना है, न ही पढ़ना है।
भाजपा ने लालू प्रसाद की पार्टी ‘राजद’ का भी मतलब समझाया है। लालू राज में रा से रंगदारी, ज से जंगलराज और द से दादागिरी होता है। भाजपा ने कहा है कि बिहार की जनता को इस डिक्शनरी के ज्ञान को न ही फिर से जानना है, न ही पढ़ना है। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी लगातार अपने चुनावी सभाओं में राजद और लालू प्रसाद पर लगातार हमला कर रह हैं। रविवार को ही सीएम ने कहा कि जंगल राज से मुक्ति दिला कानून का राज स्थापित कर बिहार को ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम राजग ने किया है। पिछले 15 सालों में हमने विभिन्न क्षेत्रों में जो काम करके दिखा दिया है, वह किसी से छिपा नहीं है।
नीतीश ने कहा कि कोरोना काल में पहली बार बिहार में बहुत ही कम समय में चुनाव हो रहा है। ऐसी स्थिति में हर जगह बोलने का मौका नहीं मिल सकता, लेकिन पिछले 15 सालों में काम करके हमने बिहार को बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ाने का हर संभव प्रयास किया। उन्होंने शिक्षा की चर्चा करते हुए कहा कि हमने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए साइकिल योजना के साथ पोशाक योजना भी शुरू की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जहां राज्य में हत्या, अपहरण, नरसंहार और आपराधिक घटनाओं में बिहार काफी आगे था, वहीं अब हमारे कानून के राज्य में बिहार अपराध के मामले में देश में 23 वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बहुत बदलाव हुआ है।