मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में श’राब के धं’धेबाज तो पहले से मेरे खिलाफ हैं। अब जिनको श’राब नहीं मिल रही, वह भी मुझे हटाना चाहते हैं। कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में शरा’बबंदी लागू की, तो उनको दो-सवा दो साल में ही तरह-तरह से परेशान करके कुर्सी से हटा दिया गया। मगर बिहार की जनता का रुख सकारात्मक है। इसलिए मुझे ऐसे लोगों की परवाह नहीं है।
मुख्यमंत्री गुरुवार को नालंदा, पटना, भोजपुर, बक्सर, कैमूर और रोहतास के कार्यकर्ताओं के वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने बिहार के विकास को नई उछाल देने वाले एक बड़े एजेंडे का भी जिक्र किया। कहा-हमें अगली बार सरकार बनाने का मौका मिला, तो हम हरेक खेत में पानी पहुंचा देंगे। कृषि अर्थव्यवस्था आधारित बिहार में इसकी दरकार दशकों से रही है।
नीतीश बोले-अगली बार भी मौका मिला तो हर खेत में पहुंचा देंगे पानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि श’राबबंदी से बिहार में खुशहाली आई है। चारों ओर सुख शांति का माहौल कायम हुआ। पहले बड़ी संख्या में बिहारवासी अपनी गाढ़ी कमाई का मोटा हिस्सा श’राब में बर्बाद कर देते थे। श’राबबंदी से उनके परिवार में महिलाएं काफी खुश हैं। दूसरे राज्यों के लोग बिहार में श’राबबंदी की सफलता और समाज में आए सकारात्मक बदलाव का अध्ययन कर रहे हैं। कुछ पढ़े-लिखे लोगों को भी श’राबबंदी के कारण कष्ट है, जिससे वे अनाप-शनाप बोलते रहते हैं। कुछ लोगों को मुझसे चिढ़ है कि गड़बड़ करने का मौका नहीं मिल रहा है। पहले श’राबी जहां-तहां खुलेआम हं’गामा करते मिल जाते थे। आज अगर कोई चो’री छुपे कहीं और जाकर श’राब पी भी लेता है, तो खुलेआम हं’गामा करने की उसकी हिम्मत नहीं है। बिहार में हमने कानून का राज स्थापित किया। वरना गुजरे जमाने में तो गांव-देहात की बात छोड़ दीजिए, राजधानी पटना में भी अप’राधी बं’दूक लहराते हुए खुलेआम घूमते थे।