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कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर नीतीश सरकार (Nitish Government) के इस वर्ष होली मिलन समारोह नहीं मनाने के फैसले पर बीजेपी के विधायक हरिभूषण ठाकुर ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि हिंदुओं के पर्व में ही सरकार ऐसे निर्णय क्यों लेती है जबकि कोरोना वायरस के दौरान ही अन्य धर्मों के लोगों के पर्व के समय छूट क्यों दी जाती है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के एक सहयोगी की वजह से उनकी मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. नीतीश सरकार (Nitish Government) ने कोरोना वायरस संक्रमण (Corona Virus) के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस वर्ष होली मिलन (Holi Milan) समारोह का आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया है. सरकार के इस फैसले पर बीजेपी के विधायक हरिभूषण ठाकुर ने सवाल खड़े किए हैं.
उन्होंने कहा कि हिंदुओं के पर्व में ही सरकार ऐसे निर्णय क्यों लेती है जबकि कोरोना के दौरान ही अन्य धर्मों के लोगों के पर्व के समय छूट क्यों दी जाती है. यह गृह विभाग के अधिकारी की सोची समझी रणनीति होती है. इस मुद्दे पर सरकार को अकेले बीजेपी विधायक ने ही नहीं बल्कि बीजेपी के प्रवक्ता मृत्युंजय झा ने भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि होली और दुर्गापूजा के समय ही सरकार को कोरोना के गाइडलाइन क्यों याद आते हैं.
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दरअसल कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए बिहार सरकार ने इस वर्ष होली मिलन समेत होली से जुड़े सभी सामूहिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दिया है. लेकिन इसे लेकर सरकार में शामिल लोग ही सवाल खड़े कर रहे हैं. बिहार सरकार के होली मिलन कार्यक्रमों पर रोक के फैसले का बीजेपी द्वारा विरोध शुरू हो गया है. पार्टी के नेता सरकार पर हिंदुओं के पर्व में जानबूझ कर रोक लगाने का आरोप लगा रहे हैं.
बीजेपी के विधायक हरिभूषण ठाकुर ने कहा कि सरकार के अधिकारियों द्वारा जान-बूझकर ऐसे फैसले लिए जाते हैं जिससे हिंदू अपना पर्व न मना सकें. लेकिन दूसरे धर्म के लोगों के लिए इस तरह के नियम क्यों नहीं बनाये जाते. वहीं बिहार बीजेपी के प्रवक्ता मृत्युंजय झा ने कहा कि आखिर होली और दुर्गापूजा के समय ही सरकार को कोरोना के गाइडलाइन क्यों याद आ जाते हैं.
बीजेपी नेताओं के बयान से राज्य में सियासी भूचाल आ गया है. जनता दल युनाइटेड ने सहयोगी बीजेपी के नेताओं को नसीहत दी है. जेडीयू के नेता संजय सिंह ने कहा कि कोरोना वारयस एक महामारी है और इस पर सबों को सोचने की जरूरत है, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. जो भी लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं उन्हें इस बीमारी की गंभीरता को समझना चहिए.
इस प्रकरण पर विपक्षी दलों के नेताओं को इस बहाने सरकार पर निशाना साथने का मौका मिल गया है. कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि सरकार उनकी (जेडीयू-बीजेपी) ही है तो विरोध क्यों कर रहे हैं. सरकार अपने ही नेताओ की बात क्यों नही सुन रही है. वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के एमएलसी रामबली चंद्रवंशी ने कहा कि इस मामले में सियासत नहीं होनी चाहिए.