बिहार के सीवान जिले में में छठे चरण की शिक्षक बहाली के दौरान चयनित शिक्षकों के प्रमाणपत्राें की जांच चल रही है। पहले राउंड के जांच में 36 शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं। ये सभी शिक्षक सीटीईटी और एसटीईटी के फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे शिक्षक पद पर चयनित हुए थे। सेकेंड राउंड की जांच अभी चल रही है। फर्जी शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।
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जिन शिक्षकों पर एक्शन लेने की बात कही गई है, इन्होंने केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा और बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा के फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी हासिल की थी। बताया जा रहा है कि नियोजन के दौरान आंदर प्रखंड में नियोजन इकाइयों द्वारा गड़बड़ी की गई है, इसमें अनिल कुमार राम, मुकेश कुमार मांझी, अनीश कुमार पंडित, सुनील कुमार साह,काजल कुमारी, नीतू कुमारी, दयानंद,श्री भगवान यादव, सौरभ उपाध्याय, प्रीति राय, सुदक्षिणा कुमारी, नम्रता कुमारी शामिल है। इन 12 शिक्षकों का नियोजन डीईओ मिथिलेश कुमार और डीपीओ राजेंद्र सिंह ने जांच के बाद निरस्त कर दिया है।
जांच में गुठनी प्रखंड के पश्चिम गुठनी पंचायत के शबनम खातून की टीईटी का प्रमाण पत्र पर्जी है। वहीं दरौंदा प्रखंड के बगौरा के किरण कुमारी, मैरवा के बभनौली पंचायत के मुसरैन खातून, लकड़ी नबीगंज प्रखंड के पड़ौली के नूर आफरीन, डुमरा की मुनिता कुमारी, भोपतपुर की अंजली आनंद, सीवान सदर के पचलखी की कुमारी सुलेखा कुमारी, महाराजगंज प्रखंड के पोखरा के सौरभ चौधरी, हजपुरवा के चंदन कुमार सिंह,कसदेवरा की अनिता कुमारी और रुक्सान अंजुम, सिकटिया के प्रभाकर कुमार और टुन्नी कुमारी, रिसौरा की नेहा कुमारी, बड़हरिया प्रखंड के रसूलपुर का शादाब अली और सकील अहमद, गोरेयाकोठी के मंझवलिया का मधुकांत पासवान और किरण कुमारी, गोरेयाकोठी के आज्ञा की पुनिता कुमारी, हेतिमपुर की कुमारी रेशमा, महम्मूदपुर की रिंकी कुमारी, गोरेयाकोठी का रामबाबू अमन, मुस्तफाबाद की नंदा कुमारी, बसंतपुर प्रखंड के कुमकुमपुर की नीतु सिंह, पचरुखी प्रखंड के पिपरा का मो। इबराहिम, भगवानपुर प्रखंड के खेढ़वा की अर्चना कुमारी, बलहा एराजी का आदित्य मोहन सिंह, कौड़िया की कल्पचा कुमारी, हसनपुरा प्रखंड के शेखपुरा पंचायत की आकांक्षा अंताज का टीईटी प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है। जबकि आंदर प्रखंड की कुमारी कामनी के टीईटी प्रमाण पत्र में पिता का नाम गलत पाया गया।
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जिन चयनित शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं उन पर विभागीय निर्देश के अनुसार एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है। इन शिक्षकों पर नियोजन इकाइयां एफआईआर दर्ज कराएंगी। फर्जी प्रमाणपत्र पाए जाने के बाद ऐसे शिक्षक अभ्यर्थियों के बीच काफी बेचैनी बढ़ गई है। बताया ज रहा है कि शिक्षकों के बहाली के दौरान शिक्षा माफियाओं ने भी सक्रिय भूमिका निभाई थी। शिक्षा माफियाओं ने फर्जी टीईटी और सीटीईटी प्रमाण पत्र में अधिक अंक दिखा कर मेधा सूची में चयनित होने में कामयाब हो गए थे। अधिकारियों का कहना है कि फर्जी प्रमाणपत्र वालों पर कार्रवाई तय है। उन्हें कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ेगा। इस मामले में डीपीओ स्थापना राजेंद्र सिंह ने कहा कि जिन शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं, उनपर नियोजन इकाई संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराएगी। अन्य प्रमाणपत्राें की भी जांच चल रही है। प्रथम चक्र के दौरान 12 शिक्षकाें की बहाली में नियोजन इकाइयों द्वारा गड़बड़ी की गयी थी। यह नियोजन इकाई आंदर प्रखंड की है। इसलिए नियोजन इकाई पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी एफआईआर दर्ज कराएंगे।