साक्षी
पटना की बारहवी की छात्रा जो कि कॉलेज ऑफ कॉमर्स अपना एडमिट कार्ड जनवरी में लेने गई थी वह 5 महीने के बाद किडनैपर के चंगुल से भाग निकली। यह खबर सोच कर है अजीब लग रहा कि 5 महीने से कैद छात्रा अपने घर लौटी तो लौटी कैसे और किसने उस किडनैप किया था। छात्रा ने अपने से बीते हर एक बुरे लम्हे को बताया है, छात्रा का कहना है कि अपहरणकर्ताओं ने उत्तराखंड के किसी गांव में उसे छिपाकर रखा था, इसके पहले दो बार भागने की कोशिश की थी, लेकिन वह असफल रही।भागने की कोशिश करने के बाद अपहरणकर्ताओं को जब इस बात की जानकारी मिली तो उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। छात्रा के घर आने के बाद परिजनों ने पत्रकार नगर थाने की पुलिस को सूचित किया है। छात्रा गुरुवार को शाम करीब छह बजे मीठापुर बस स्टैंड पहुंची जहां से उसने एक दुकानदार के मोबाइल से परिजनों को फोन किया, फिर छात्रा अपने घर पहुंची. इसके बाद मामले का खुलासा हुआ है।
छात्रा के पिता ने भी अपना बयान दिया कि, एडमिट कार्ड लेकर छात्रा अपने घर आ रही थी, इसबीच कॉलेज से सटे सब्जीमंडी स्थित मंदिर के पास एक महिला ने छात्रा को रोक कर प्रसाद दी, जिसे खाने के कुछ देर बाद वह बेहोश हो गयी। महिला अपने अन्य साथियों के साथ मिल कर उसे उत्तराखंड लेकर चली गयी। जहां होश में आने के बाद पीड़िता ने खुद को बंद कमरे में कैद पाया तो महिला ने नशीला पदार्थ खिलाकर उसको बेच दिया था। परिजनों के मुताबिक जहां पर छात्रा को कैद किया गया था, वहां तीन से चार लोगों का पहरा लगा रहता था।जब वह खुद को अकेले पायी, तो वहां से भाग गयी. उत्तराखंड से लखनऊ होते बनारस होते हुए वह पटना अपने घर पहुंची। पुलिस की तरफ से यह खबर मिल रही कि कि छात्रा का मेडिकल टेस्ट भी करवाया जाएगा और छात्रा ने बेहद ही साहस का काम कर दिखाया है उस चंगुल से भाग कर।