कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉक डाउन के कारण अब मध्यमवर्गीय परिवारों के समक्ष भी विकट स्थिति उत्पन्न होने लगी है। लोगों के पास घर चलाने के लिए पैसे नहीं बचे हैं। निजी स्कूल व कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी अब समस्या का सामना करना पड़ रहा है। लॉक डाउन बढ़ने की स्थिति में इनलोगों की हालात और खराब हो जाएगी। इसको लेकर अभाविप के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मोनू झा ने शिक्षकों के बकाए भुगतान की उठाई मांग और बताया कि बीएनएमयू व बिहार बोर्ड द्वारा संबंद्ध कॉलेज के शिक्षकों को उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन कार्य का पारिश्रमिक भुगतान नहीं किया गया है।
जिसके लेकर अभाविप ने ईमेल से माँग पत्र भेज अभिलंब भुगतान की मांग की है। वहीं इन्होंने बताया कि बीएनएमयू के पास स्नातक थर्ड पार्ट 2018, स्नातक सकेंड व थर्ड पार्ट 2019 तथा तीनों परीक्षाओं के प्रैक्टिकल का उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन का पारिश्रमिक बांकी है जबकि इन परीक्षाओं का रिजल्ट भी आ चुका है ।जबकि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पास इंटरमीडिएट परीक्षा 2020 का रूपया बांकी है।
वैश्विक कोरोना महामारी के इस संकट में सभी काम धंधे भी बंद है। जिसके कारण अब परिवार चाहे प्राइवेट स्कूल के शिक्षक का हो या अनुदानित कॉलेजों के प्राध्यापको का ,अब विभन्न तरह के मुश्किलो का सामना करना पर रह है वैसे उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूल से तो अब ऐसे शिक्षको को पेमेंट मिला रहा है लेकिन अनुदानित कॉलेज के प्राध्यापकों के सामने अभी भी मुश्किल का दौर है । अतः अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी बीएनमएयू प्रशासन और बिहार विद्यालय परीक्षा सामिति से यह मांग किया है कि बोर्ड 2020 इंटर मूल्यांकन कार्य का भुगतान और विश्वविद्यालय स्नातक के विभिन्न खंडों की उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन कार्य का भुगतान अविलंब किया जाए।
अभाविप के प्रदेश कार्यकारणी सदस्य मोनू झा ने बताया कि सभी शिक्षकों का खाता संख्या और उनके कार्य का बिल बनवा कर लगभग एक महीना पूर्व ही दोनो स्तर से ले लिया गया है। इसके बावजूद भुगतान करने में विलंब किया जा रहा है। विवि प्रशासन और बोर्ड को मानवीय आधार पर शिक्षकों का ख्याल रखते भुगतान करना चाहिए ।