राज्य में कोरोना के कारण मार्च से बंद प्राथमिक और मध्य स्कूलों को खोलने को लेकर सरकार अभी कोई जल्दबाजी में नहीं है. शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने स्पष्ट किया है कि पढ़ाई के लिए हम बच्चों की जिंदगी खतरे में नहीं डाल सकते हैं.
स्कूल खोलने का निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया जायेगा. इस तरह प्रदेश के 50 हजार से अधिक प्राथमिक स्कूल अभी बंद रहेंगे. शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है.दिल्ली में संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इसे देखते हुए हम बहुत सोच विचार कर स्कूल खोलने पर फैसला करेंगे. उन्होंने कहा कि एक्सपर्ट की टीम के साथ सलाह करेंगे. इसके बाद उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जायेगी जिसमें फैसला होगा कि स्कूल कब खुलेंगे.
वैसे प्रदेश में माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूल खुले हुए हैं. उसमें कोविड की गाइडलाइन का पालन करते हुए क्लास लगायी जा रही है. यह क्लास भी एक तरह से कोचिंग क्लास की तरह संचालित हो रही है.इसमें बच्चे अपनी कठिनाइयों को हल कराने आ रहे हैं. बच्चों और शिक्षकों को भी रोज न बुलाकर एक विशेष फार्मूले के तहत बुलाया जा रहा है.
एक तिहाई बच्चे ही रोज बुलाये जा रहे हैं. हालांकि इन कक्षाओं में विद्यार्थियों की उपस्थिति निराशाजनक रही है. हालात ये हैं कि कोविड संक्रमण के डर से दस फीसदी बच्चे भी स्कूल नहीं आ रहे हैं.