आजादी के 75 वर्ष बाद भी कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड की आधी आबादी की आवाजाही चचरी पुल के सहारे होती है। इस क्षेत्र में अभी तक एक भी पक्की या कच्ची सड़क नहीं है।
इस कारण कमला बलान पश्चिमी तटबंध से पूरब बसी ईटहर पंचायत के इटहर, लक्ष्मिनिया, गोबराही व समोरा , उसड़ी पंचायत के उसरी हरीनाही, कोनिया सगरदीना उजुआ सिमरटोका पंचायत के कोदरा, झाझा, गईजोरी, तिलकेश्वर पंचायत के अरथुआ, गोलमा सहित बीस गांवों की लगभग 50हजार की आबादी को साल भर में आठ माह चचरी पुल के सहारे ही आवाजाही करनी पड़ती है। लगभग 400 करोड़ की लागत से बन रही कुशेश्वरस्थान फूलतोड़ा सड़क के निर्माण कार्य में हो रहे विलंब के कारण लोगों को चचरी पुल का सहारा लेना पड़ रहा है। फूलतोड़ा सड़क बनने के बाद ही लोगों को इस समस्या से निजात मिल पाएगी।
उसरी घाट के चचरी पुल से गुजरती है 50,000 की आबादी : पुल बनवाने वाले विजय मुखिया ने बताया कि इस पुल से तकरीबन 50 हजार लोग गुजरते हैं। भाड़ा तय कर दिया गया है। पैदल आदमी के आने-जाने पर 10 रुपए एवं मोटर साइकिल के साथ आने-जाने पर बीस रुपए भाड़ा लगेंगे। 221800 रुपए खर्च हुए पुल के निर्माण पर : कमला बलान नदी पर उसरी घाट में चचरी पुल बनवाने वाले विजय मुखिया ने बताया कि इस पुल को बनाने में 221800 रुपए लगे हैं। इसमें 368 बांस लगे हैं। 96 मजदूरों ने 12 दिनों तक दिन रात काम कर इस पुल को तैयार किया। छह हजार रुपए की रस्सी लगी। बाढ़ का पानी कम होने के बाद चौकिया, लक्ष्मीनिया व उसरी घाट पर कमला बलान नदी पर प्राईवेट स्तर पर चचरी पुल बनाया जाता है।