एक दारोगा को मंत्री जी का रास्ता रोकना मंहगा पड़ गया । मंत्री जी का रास्ता रोकने के एवज में न केवल उन्हे खड़ी-खोटी सुननी पड़ी बल्कि उन्हे सस्पेंड करने की धमकी भी मिलने लगी । असल में दारोगा मंत्री का नहीं पहचान पाया । मामला हाई-सिक्योरिटी का था इसलिये उन्होने मंत्री जो को अंदर जाने से रोक दिया था ।
हुआ यूँ कि सीवान में एक हॉस्पिटल का शिलान्यास करने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को भारी फजीहत झेलनी पड़ी । जिस कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को एक हॉस्पिटल का शिलान्यास करने आए थे, उसी में मंगल पांडेय भी शामिल होने पहुंचे थे। लेकिन यहां कार्यक्रम में तैनात एक पुलिस अधिकारी पर मंगल पांडेय भड़क गए।
जी हां, उस अधिकारी ने दोनों मंत्रियों को नहीं पहचाना और रोक दिया। फिर क्या मंगल पांडेय आग बबूला हो गए और पुलिस अधिकारी को सस्पेंड करने की बात करने लगे।
शिलान्यास कार्यक्रम में ड्यूटी पर तैनात दारोगा का नाम गणेश चौहान बताया जा रहा है। इन्होंने मंत्री प्रमोद कुमार और मंगल पांडे को नहीं पहचाना। दोनों मंत्रियों को रोकने के साथ ही पुलिस के वरीय अधिकारियों की नजर दारोगा पर पड़ी और उसके बाद उन्होंने तुरंत दारोगा गणेश चौहान को किनारे हटाया। लेकिन रास्ता रोके जाने से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे भड़क उठे।
उन्होंने वहां तैनात पुलिस के अधिकारियों को खरी-खोटी सुना दी। उन्होंने वहां मौजूद पुलिस के वरीय अधिकारियों को कहा कि कैसे-कैसे पुलिस वालों को ड्यूटी पर लगा देते हैं, जो मंत्री को भी नहीं पहचानते हैं। इसके साथ ही मंत्री मंगल पांडे ने दारोगा गणेश चौहान को सस्पेंड कर देने की बात तक कर डाली। भड़के मंत्री जी दारोगा को सुनाने के बाद मंच पर चले गए।