
पूर्णिया में दलित नेता शक्ति मलिक हत्याकांड में अभियुक्त बनाये जाने के बाद भारी परेशानी में पड़े तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को बडी राहत मिली है. आरोप लगा था कि तेजस्वी यादव ने 50 लाख रूपये के लिए शक्ति मलिक की हत्या करा दी थी. आज इस मामले का मुख्य अभियुक्त और शक्ति का हत्यारा पकड़ा गया. उसने कहा तेजस्वी और तेजप्रताप पर सरासर गलत आरोप लगाया गया. पूर्णिया पुलिस भी मान गयी कि दोनों नेताओं पर लगा आरोप गलत था. पूर्णिया पुलिस ने आज शक्ति मलिक के हत्यारे बताये जा रहे आफताब नाम के आदमी को गिरफ्तार कर लिया. आफताब ने बताया कि शक्ति मलिक आदतन अपराधी था. उसके खिलाफ कई मुकदमा दर्ज थे. आफताब शक्ति मलिक का करीबी हुआ करता था. लेकिन दोनों के बीच पैसे को लेकर विवाद हो गया था. आफताब ने पुलिस को बताया कि पैसे की विवाद में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर शक्ति मलिक की हत्या कर दी थी.
आफताब ने पुलिस के समक्ष दियेगये बयान में कहा है कि तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव और आरजेडी नेताओं को फंसाया गया है. वे कहीं भी इस मामले में नहीं है. ना ही किसी ने 50 लाख रूपये मांगा था. तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव से तो शक्ति मलिक की मुलाकात तक नहीं हुई थी. आफताब ने बताया कि शक्ति मलिक पहले आरजेडी का नेता था. लेकिन उसका एक गलत वीडियो वायरल होने के बाद तेजस्वी यादव ने उसे पार्टी से निकाल दिया था. आफताब के पकडे जाने के बाद पूर्णिया के एसपी विशाल शर्मा ने बताया कि आफताब की गिरफ्तारी के बाद शक्ति मलिक हत्याकांड सुलझ गया है. इस घटना में 7 लोग शामिल थे, जिसमें एक मास्टरमाइंड भी है. उन सबों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है. जिस हथियार से मर्डर की घटना को अंजाम दिया गया उसे भी बरामद कर लिया गया है. जिस चाकू से शक्ति मलिक पर वार किया गया,उसे भी बरामद किया गया. सभी प्रकार का तकनीकी अनुसंधान किया गया. पुलिस ने घटना के सारे पहलुओं का पता लगा लिया है. शक्ति मलिक की हत्या को अंजाम देने वाले घर के अंदर घुसकर बाथरूम में छिपे थे. शक्ति मलिक को घर में ही मार डाला गया था.