पटना हाईकोर्ट के सभी जज बुधवार से अपने-अपने घर से वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) जरिए जमानत याचिकाओं का निपटारा करेंगे। जब तक लॉकडाउन समाप्त नहीं होता, स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक ई. फाईलिंग के जरिए जो भी नए मामले दायर होंगे, उनकी सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग से हर रोज की जाएगी।
पटना हाईकोर्ट, यह सब करने वाला देश का पहला हाईकोर्ट बना। कोरोना से बचाव के ऐहतियात में चीफ जस्टिस संजय करोल, वरिष्ठ जज जस्टिस दिनेश कुमार सिंह और जस्टिस हेमंत कुमार श्रीवास्तव ने विमर्श के बाद सुनवाई की यह नई व्यवस्था की है।
कोशिश है कि लॉकडाउन के दौरान हर दिन कम से कम 792 जमानत याचिकाओं का निपटारा किया जाए। प्रत्येक जज के यहां 33-33 जमानत के मामलों को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। कुल 24 जज हैं। यह प्रयोग सफल रहा, तो अन्य मामलों की सुनवाई का दायरा बढ़ाया भी जा सकता है।
पिछले दिनों तीन अधिवक्ता संघों की समन्वय समिति के अध्यक्ष योगेश चन्द्र वर्मा ने चीफ जस्टिस से सुनवाई की गति तेज करने की मांग की थी। महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि मुकदमों के निपटारे के लिए किए जा रहे चीफ जस्टिस के इस प्रयास का हम स्वागत करते हैं। राज्य सरकार की ओर से पूरा सहयोग दिया जाएगा। वमंगलवार को इस व्यवस्था का ट्रायल हुआ। इसमें सभी 24 जज शामिल रहे। जमानत की कुल 49 याचिकाएं निपटाई गईं।