पराली जलाने (Stubble Burning) को लेकर सरकार के सारे इंतजाम फेल साबित हो रहे हैं। तकनीक और जागरुकता के बाद सरकार ने अब कुछ कठोर कदम उठाने का फैसला किया है। बिहार सरकार (Bihar Government) ने साफ कर दिया है कि फसल कटाई के बाद खेतों में पराली जलाने (Straw Burning) वाले किसानों को सरकारी योजना का फायदा नहीं मिलेगा।
बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar0 ने फसल अवशेष प्रबंधन पर आयोजित इंटरनेशनल सेमिनार में कहा खेतों में पराली जलाने का मामला पहले पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) तक ही था। लेकिन अब बिहार के भी कई जिलों में किसान (Farmers) खेतों में फसल के कचरे को जलाने लगे हैं। जिसका आबोहवा और सेहत पर बेहद खराब असर हो रहा है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले रोहतास कैमूर के इलाकों में पराली जलाने के मामले देखे गए, जो कि अब नालंदा, पटना तक यह बुराई फैल गई है। फिलहाल बिहार के आठ जिलों में किसान खेतों में पराली जला रहे हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में पर्यावरण से अमून छेड़छाड़ नहीं होती है। लेकिन देश के दूसरे राज्यों में पर्यावरण से छेड़छाड़ के कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है। जिसका खामियाजा बिहार को भी भुगतना पर रहा है। पर्यावरण से छेड़छाड़ का ही नतीजा है कि बिहार में जुलाई महीने में बाढ़ आ गई और उसी वक्त सूखा की भी स्थिति पैदा हो गई। सितंबर के महीने में भारी बारिश हुई। गंगा के जलस्तर में बढोतरी हुई और 12 जिले बाढ़ की जद में आ गए।
इसी बीच पप्पू यादव ने सरकार को आगाह किया है कि अगर प्रदुषण फैलाने के झुठे आरोप में एक भी किसान पर कार्रवाई हुई तो मुख्यमंत्री आवास पर पुआल जलाएंगे ।
प्रदूषण फैलाने के झूठे आरोप में एक भी किसान पर कार्रवाई हुई तो बिहार के मुख्यमंत्री के आवास पर पुआल लाकर जलाएंगे।
हर मंत्री के आवास, जिला एवं प्रखंड मुख्यालय पर पुआल जलाएंगे।
सरकार टकराव नहीं चाहती है तो फरमान वापस ले और किसानों की पुआल की सरकारी खरीद की घोषणा करे।
— Sewak Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) November 7, 2019
लालू यादव ने बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर तंज कसते हुए कहा था कि सरकार किसानो से अनाज तो खरीद नहीं पा रही पराली कहा से खरीद पाएगी ।