चुनाव लड़ने और जीतने के लिए लोग क्या-क्या नहीं कर जाते। वर्षों से मुखिया बनने का ख्वाब पाले बैठे एक युवक को उसकी जाति का सटिर्फिकेट किसी तकनीकी वजह से नहीं बना तो उसके ख्वाब पर पानी फिरने लगा। उसने पास के गांव की एक लड़की के साथ बगैर लग्न व बैंड-बाजे के मंदिर में सात फेरे ले लिए। साथ ही लड़की की विदाई करा अपने घर भी ले आया। इस लड़की का जाति प्रमाण पत्र पहले से है।
सात फेरे लेने के बाद उसने कहा कि हम न सही, हमारी पत्नी ही सही। अब वही चुनाव लड़ेगी और उसे हम जीत का सेहरा भी पहनवाएंगे।
यह घटना जिले के खिजरसराय प्रखंड के होरमा पंचायत के बिंदौल गांव की है। यहां दांगी समाज के युवक आदित्य कुमार उर्फ राहुल इस बार पंचायत मुखिया का चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे थे। वह अपने दस्तावेज को मजबूत कराने व प्रमाण पत्र लेने के लिए अपने प्रखंड के विभिन्न दफ्तरों का चक्कर लगा रहे थे। इसी बीच उन्हें पता चला कि उनकी जमीन से संबंधित खतियान में उनके नाम के साथ दांगी शब्द का उल्लेख नहीं है, इसलिए उनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बन सकता है।