
भागलपुर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष अपने पत्नी और बेटे के साथ धरने पर बैठे हैं । यह धरना भागलपुर शहर के कोतवाली थाना के आगे दिया जा रहा है । उनकी मांग है कि भागलपुर प्रशासन पार्किंग स्थल का निर्धारण नहीं कर पा रही है । इस वजह से आऐ दिन लोगों को परेशानी का समाना करना पडता है । पुलिस वेबजह किसी की भी गाड़ी उठा लेते है ।
दरअसल डॉ योगेन्द्र के पुत्र सुकांत से दो रोज पहले भागलपुर पुलिस ने गलत जगह कार पार्क करने का जुर्माना वसूला तो इन्होने पूछा कि शहर में कार पार्क करने के लिये प्रशासन ने कौन सी जगह तय की है। पता चला ऐसी कोई जगह नहीं। जब इन्होने जगह ही तय नहीं की है तो कोई जगह सही या गलत कैसे हो सकती है। और सबसे बड़ी बात, प्रशासन ने पार्किंग प्लेस क्यों तय नहीं किया? यह इनके सवाल हैं।

इनकी मांग है-
१. जबतक भागलपुर में पार्किंग जोन नहीं बनाते हैं, तब तक कार/ बाइक जब्त करना बंद करें।
२. नो पार्किंग का बोर्ड लगायें।
३. नागरिक के साथ सम्मान पूर्वक व्यवहार करें।
वरिष्ठ पत्रकार पुष्यमित्र लिखते हैं – कितने लोग इस तरह से सवाल पूछते हैं? समाधान के लिये धरने पर बैठते हैं? वस्तुतः यह असल नागरिक बोध है जो पिछ्ले दो तीन दशकों में लगातार खो रहा है। डॉ योगेन्द्र इसी बोध को बचाने में जुटे हैं। अपनी शांति और अपने कीमती वक़्त को दाव पर लगाकर। सीखने योग्य।