कभी आइंस्टीन को चु्नौती दी थी। उस महान भारतीय गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का आज पटना में निधन हो गया। वो पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उनका पूरा परिवार पटना में ही रहता था । उन्होंने पटना के पीएमसीएच में आज सुबह दम तोड़ा, इस खबर से पूरा बिहार गमगीन है। अभी परिवार के लोग शव लेकर पीएमसीएच मे ही मौजूद हैं।
वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शोक जताया है और कहा है कि वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन से समाज को अपूरणीय क्षति हुई है।
कभी आइंस्टीन को चु्नौती दी थी। उस महान भारतीय गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का आज पटना में निधन हो गया। वो पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उनका पूरा परिवार पटना में ही रहता था । उन्होंने पटना के पीएमसीएच में आज सुबह दम तोड़ा, इस खबर से पूरा बिहार गमगीन है। अभी परिवार के लोग शव लेकर पीएमसीएच मे ही मौजूद हैं।
वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शोक जताया है और कहा है कि वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन से समाज को अपूरणीय क्षति हुई है।
बता दें कि तकरीबन 40 साल से मानसिक बीमारी सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह पटना के एक अपार्टमेंट में गुमनामी का जीवन बिता रहे थे। मौत से कुछ दिनों पहले तक भी किताब, कॉपी और एक पेंसिल उनकी सबसे अच्छी दोस्त रहीं।
कहा जाता है कि अमरीका से वह अपने साथ 10 बक्से किताबें लाए थे, जिन्हें वह पढ़ते रहते थे। बाकी किसी छोटे बच्चे की तरह ही उनके लिए तीन-चार दिन में एक बार कॉपी, पेंसिल लानी पड़ती थी।