भारतीय जनता पार्टी ने एक के बाद एक कई राज्यों में अपने ही मुख्यमंत्रियों को कुर्सी से हटाकर नए चेहरों को जिम्मेदारी दे डाली है। ताजा मामला गुजरात का है जहां तो विजय रुपाणी की जगह भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया। बीजेपी की इसी सियासत में बिहार में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। बिहार में बीजेपी के विरोधी अब नीतीश कुमार पर तंज कस रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि बीजेपी अपने मुख्यमंत्रियों को हटाते-हटाते अब नीतीश कुमार की कुर्सी भी ले लेगी। तेजस्वी यादव ने कहा है कि बीजेपी जिस तरह अलग-अलग राज्यों में नेतृत्व परिवर्तन कर रही है, उसे देखकर लगता है कि उसने नीतीश कुमार की भी कुर्सी हथियाने की प्लानिंग कर रखी है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि नीतीश कुमार इसी कारण इन दिनों परेशान हैं। नीतीश कुमार को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं बीजेपी बिहार में भी नेतृत्व परिवर्तन ना कर दे। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के विधायकों की संख्या बेहद कम है। जेडीयू विधानसभा में तीसरे नंबर की पार्टी है। ऐसे में वह बीजेपी के फैसले के खिलाफ कुछ भी नहीं कर सकती।
तेजस्वी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर नीतीश कुमार बिहार में जिस तरह आयोजन कर रहे हैं, उसे देखकर यही लगता है कि उनका पूरा ध्यान बीजेपी की खुशामद में है। तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार बीजेपी को हर हाल में खुश रखना चाहते हैं।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद बिहार में राजनीति तेज हो गई है। एक तरफ तेजस्वी का नीतीश पर सीधा हमला है तो वहीं दूसरी तरफ जेडीयू और बीजेपी पलटवार के मूड में सामने आ गए हैं।
जेडीयू ने कहा है कि नीतीश कुमार के चेहरे के ऊपर पहली बार विधानसभा का मुंह देखने वाले तेजस्वी यादव को यह नहीं भूलना चाहिए कि साल 2015 में आरजेडी किस के बूते बिहार की राजनीति में फिर से जिंदा हुआ था। जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि खुशामद की राजनीति लालू यादव करते रहे हैं ना कि नीतीश कुमार।