बिहार में कोरोना जांच को लेकर आरजेडी नेता व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर सरकार पर हमला बोला है। कोरोना की जांच में घोटाले की बात कह तेजस्वी ने सरकार को घेरने का काम किया है। तेजस्वी यादव का कहना है कि सरकार ने वास्तविक जांच और कोरोना से मौत के आंकड़ों को छिपाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में कोरोना की जांच किट बेची गयी है। जांच के अभाव में कोरोना से लोगों की जाने गयी लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसकी कोई परवाह नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर यह लिखा है कि…”विगत वर्ष बिहार के लगभग प्रत्येक जिले में कोरोना जाँच घोटाला हुआ था। वास्तविक जाँच और मौतों के आँकड़े छिपाने के लिए इस वर्ष भी फिर वही खेला हुआ। निजी अस्पतालों को जाँच किट बेची गयी। जाँच के अभाव में लोग मरते रहे लेकिन सीएम को कोई परवाह नहीं क्योंकि संरक्षण कर्ता तो वही है”
बिहार में एक बार फिर कोरोना की जांच में बडे पैमाने पर फर्जीवाडा उजागर हुआ है। मुजफ्फरपुर से लेकर भागलपुर जैसे जिलों में बडे पैमाने पर गडबड़ी सामने आयी है। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे लोगों को जांच रिपोर्ट भेजी जिन्होंने कभी सैंपल दिया ही नहीं। जांच में सैंपल देने वालों का जो मोबाइल नंबर सरकारी बही खाते में दर्ज किया गया है। उसमें से 25 फीसदी नंबर गलत निकले हैं।
70 फीसदी लोगों को डेढ़ महीने बाद एंटीजेन टेस्ट की रिपोर्ट भेजी गयी। जिसका परिणाम सिर्फ 15 मिनट में आता है। कोरोना की पहली लहर के समय भी बिहार में बड़े पैमाने पर कोरोना टेस्टिंग में घोटाला उजागर हुआ था। अब दूसरी लहर में भी यही देखने को मिल रहा है। बिहार में कोरोना जांच को लेकर एक दैनिक अखबार ने पड़ताल किया है। दो जिलों मुजफ्फरपुर औऱ भागलपुर में की गयी पड़ताल में चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं।