
बिहार चुनाव ना जाने कितना रंग दिखाने वाला है. चुनाव से पहले नेता दल बदल रहे हैं. ऐसे में किसी को बड़ा कार्यभार दिया जा रहा है तो किसी की कुर्बानी भी दी जा रही है. आरजेडी नेता और पूर्व जेडीयू नेता श्याम रजक के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ है.
दरअसल सालों बाद श्याम रजक ने घर वापसी की. जेडीयू को त्याग कर वे वापस आरजेडी को ज्वाइन कर लिया. लेकिन यहां भी उनकी बेचैनी बरकार है. महागठबंन ने बीते दिन सीटों का ऐलान कर दिया. लेकिन इसमें अपनी कई विधायकों की बलि चढ़ानी पड़ी.
सूत्रों के मुताबिक जेडीयू को छोड़कर आरजेडी में आए श्याम रजक की सुरक्षित सीट (फुलवारी शरीफ) माले के खाते में चला गया है. आरजेडी ने श्याम रजक की सीट माले की झोली में डाल दी है. हालांकि इसके अलावा उन्हें ये आश्वासन दिया गया है कि अगर आरजेडी की सरकार बनती है तो उन्हें एमएलसी बनाकर मंत्री का पद दिया जाएगा.
आपको बता दें कि श्याम रजक पिछले 25 सालों से फुलवारी शरीफ की सीट से लड़ते आ रहे थे और जीतते भी आ रहे थे. श्याम रजक जब आरजेडी में थे तब भी उन्होंने फुलवारी शरीफ से विधायक का चुनाव लड़ा और जेडीयू में शामिल होने के बाद भी वे फुलवारी शरीफ से चुनाव लड़ते गए. लेकिन आरजेडी में बड़ी उम्मीदें लेकर आए श्याम रजक का सपना टूट गया. 25 सालों से जिस सीट पर श्याम रजक चुनाव लड़ रहे थे. वहां से भी उनको बेदखल कर दिया. बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं. लेकिन अभी से सियासी सर्कस जारी है.