बिहार में कोरोना के इस संकट में कई तरह की गड़बड़ी की बात सामने आ रही है। कहीं कोरोना जांच में फर्जीवाड़ा तो कहीं एंबुलेंस को लेकर विवाद। अब एक नया मामला सामने आया है। आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग ने ब्लैकलिस्टेड कंपनी से कोरोना जांच वैन भाड़े पर ली . बदले में सरकार प्रतिदिन 6 लाख रू किराया दे रही है। वैन से जो जांच किये जा रहे हैं उसका खर्च प्रति सैंपल 8590 रू आ रहा। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से सीएम नीतीश को घेरा है।
तेजस्वी ने आंकड़ों के माध्यम से सरकार की खोली पोल
तेजस्वी यादव ने कोरोना संकट में हो रही लूट पर बड़े गंभीर आरोप लगाये हैं। आँकड़ों के माध्यम से नेता प्रतिपक्ष ने स्वास्थ्य विभाग की पूरी पोल खोल दी है। तेजस्वी ने सीएम नीतीश को भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह कहा है। ट्वीट कर तेजस्वी ने कहा है कि नीतीश कुमार के कारनामे -आँकड़ों की ज़ुबानी. उन्होंने आगे लिखा है कि Black Listed कंपनी से वैन किराए पर ली.प्रतिदिन का किराया-6 लाख₹.इस तरह से 13 दिन का कुल किराया-78 लाख ₹. जबकि 13 दिन में कुल सैम्पल-1355 लिया गया। इस तरह से 13 दिन मे कुल जाँच रिपोर्ट दी-908. यानी एक कोरोना टेस्ट की औसतन कीमत- (7800000/908)= 8590₹। तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश सरकार ने जो आरटीपीसीआर वैन चला रही है उसके द्वारा जो जांच की जा रही उसमें एक जांच का खर्च 8590 रू आ रहा।
कटघरे में स्वास्थ्य महकमा
बता दें, एक अखबार ने खुलासा किया है कि महाराष्ट्र की ब्लैकलिस्ट कंपनी से स्वास्थ्य विभाग ने वैन ली है। बदले में उसे मोटी रकम प्रतिदिन दी जा रही है। कंपनी द्वारा संचालित आरटीपीसीआर वैन ने 13 दिनों में महज 908 सैंपल की जांच रिपोर्ट दे सकी है। जबकि प्रतिदिन 1000 सैंपल कलेक्ट कर जांच रिपोर्ट देने का प्रावधान था।