बिहार में 94 हजार प्रारंभिक शिक्षकों की नियोजन की प्रक्रिया जारी है। इस दौरान शिक्षक अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की जांच की जा रही है। अब तक कुल 632 चयनित शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गये हैं। ऐसे अभ्यर्थियों पर सरकार एक्शन के मूड में हैं।
नियोजन इकाइयों द्वारा 49,348 चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र को शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड किया गया है। सभी प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है। इस दौरान 632 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। जिन अभ्यर्थियों का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है वैसे अभ्यर्थियों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
सभी 38 जिलों में चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र पोर्टल पर अपलोड किए जा चुके हैं। इन प्रमाण पत्रों में 64% अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच पूरी हो चुकी है। नालंदा में 63 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गये हैं। वही बक्सर में 121, सारण में 23, नवादा में 42, बेगूसराय में 19 चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र पर फर्जी पाए गए हैं।
वही जिन शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच नहीं हो पाई है उसकी जांच करायी जा रही है। ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि जांच में अभी और प्रमाण पत्र फर्जी निकल सकते हैं।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षकों के चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच कराई जा रही है, जिन संस्थानों से प्रमाण पत्र निर्गत किए गए हैं वहां से उसका सत्यापन कराया जा रहा है।
जिन चयनित शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पकड़े जा रहे हैं उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है। यदि जांच में संबंधित नियोजन इकाई दोषी पाया गया तो उस पर भी प्राथमिकी दर्ज करा कर कार्रवाई होगी।