नियोजित शिक्षकों की बहाली कर शिक्षा को गर्त में ले जाने वाले नीतीश कुमार और शुशील मोदी की सरकार ने आखिरकार आज का सामना कर ही लिया । उन्होने मंच से खुले में यह कहा कि बिहार में अच्छे शिक्षकों की कमी है ।
क्या सच में बिहार अब प्रतिभावान लोगों की धरती नहीं रही। क्या सच में बिहार के लोग छात्रों को पढ़ाने लायक नहीं है। क्या बिहार की सारे शिक्षक नकारा है। सुनने में आपको खराब लगे लेकिन यह बात हम नहीं बल्कि बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी कह रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में सुशील मोदी यह कहते नजर आ रहे हैं कि बिहार में ढूंढने से भी अच्छे गणित के मास्टर, विज्ञान के मास्टर नहीं मिलते हैं, इसलिए स्मार्ट क्लास की मदद से बिहार के प्रतिभावान बच्चों को पढ़ाया जाएगा। दिल्ली मुंबई में बैठकर प्रतिभावान प्रोफेसर और शिक्षक बिहार के छात्रों को पढ़ाएंगे। इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग अलग-अलग तरीके से अपनी बातें रखें कोई सुशील मोदी का समर्थन कर रहा है तो कोई सुशील मोदी का विरोध कर रहे हैं।
Vineet Pandey : आज सुशील मोदी जी ने खुलेआम जनसभा में कहा कि बिहार में अंग्रेजी, गणित, बिज्ञान के शिक्षक नही मिल रहे इसलिए स्मार्ट क्लास में tv पर पढ़ाएंगे। उपमुख्यमंत्री जी ये बोल कर आपने बिहार की प्रतिभा का अपमान किया।आपको सच बोलने में शर्म आती है कि इतना न कम पैसे देते हैं कि कोई इन विषयों को 8 घण्टे विद्यालय में रह कर पढ़ाना नही चाहता क्योकि 2 घण्टे की घर बैठ कर ट्यूशन दे कर वो 20 हजार कमा लेता है। सच बोल दे वो राजनेता कैसे हो सकता?
Praveen Jha : उठो, जागो बिहार के बुद्धिजीवी वर्ग!! अब कितना अपमान सहेंगे आप । इन्हें थोड़ी सी भी शर्मिंदगी महसूस नहीं होती है कि इनके ही कारन आज भी पुरे भारत में और भारत के बाहर बिहार के प्रतिभाशाली शिक्षकों के द्वारा अंग्रेजी, विज्ञान, और गणित के विद्यालय शिक्षक हो या विश्वविद्यालय के शिक्षक । अपनी प्रतिभा से बिहार का मान बढा रहे हैं। आप ने ठेकेदारी प्रथा की शुरुआत किया है ।और चाहते है कि अच्छी और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की चाह रखते हैं। आप दोनो जैसे शिक्षा को नष्ट करने वाले राज नेता पैदा हुआ हैं न होगा।