सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) केस में मुख्य आरोपी रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) बीते दिनों पहली बार मीडिया के सामने आकर बात करती दिखी थीं. वहीं इस दौरान रिया ने कई ऐसी बातें कही थीं, जिन पर सुशांत के परिवार ने आपत्ति जताई थी. वहीं अब इंटरव्यू में कही गई बातों पर परिवार की ओर से सुशांत सिंह राजपूत के जीजा विशाल कीर्ति (Vishal Kirti) ने रिया चक्रवर्ती को घेरा है. उन्होंने अपने ब्लॉग में 5 प्वाइंट्स के जरिए रिया के आरोपों पर मुंहतोड़ जवाब दिया है. इस ब्लॉग में उन्होंने कहा- फैमिली के डिफेंस में- मैं जो कुछ भी लिखूंगा, वो परिवार के साथ हुई मेरी बातचीत और पब्लिक डोमेन में मौदूज जानकारी के विशलेषण पर आधारित है. मेरी सुशांत के साथ इन टॉपिक पर कभी बात नहीं हुई और मैं अपने फादर इन लॉ की ओर से नहीं बोल रहा हूं.
उन्होंने लिखा कि इस केस में ED, CBI और NCB तीन सेंट्रल एजेंसीज जांच कर रही हैं और जब इस केस की मुख्य आरोपी को सीबीआई ने समन भेजा को उनकी पीआ मशीनरी एक्टिवेट हो गईं. उनका मानना है कि भले ही आरोपी का ये कानूनी हक हो लेकर कुछ आरोपी फ्रेंडली टीवी चैनल्स सच जानने के बजाए सिर्फ आरोपी को एक प्लैटफॉर्म देने का काम कर रहे हैं. उन्होंने अपने ब्लॉक में ये भी लिखा कि बड़े आकाओं का नाम सामने नहीं आए इसलिए ये चमचे अपने मालिक को बचाने निकले हैं.
विशाल कीर्ति ने एक-एक करके पांच प्वाइंट्स में रिया के आरोपों पर जवाब दिया. उन्होंने पहले प्वाइंट में लिखा- एक ईमानदार मीडिया हाउस को सीबीआई से जुड़े सूत्र ने बताया कि सुशांत निधन से पहले हिमाचल, केरला और कुर्ग में ऑनलाइन प्रॉपर्टीज के बारे में सर्च कर रहा था. वहीं मुंबई पुलिस ने देश को ये कहकर बहकाया था कि सुशांत पेनलेस डेथ के बारे में सर्च कर रहे थे. इस केस को मेंटल हेल्थ से जोड़कर क्राइम को कवर-अप करने की कोशिश की गई. चाहे ये मर्डर हो या आत्महत्या के लिए बहकाने का केस हो, मुंबई पुलिस लोगों को मिसलीड क्यों कर रही थी?.
दूसरा, आरोपी ने डिप्रेशन की परिभाषा अपनी सहूलियत के हिसाब से बदल दी है. मैंने नोट किया कि इंटरव्यूज में आरोपी ने कई बार कुर्ग जाने की बात को डिप्रेशन के साइन के तौर पर इस्तेमाल किया. अगर हम मान भी लें कि सुशांत को आपराधिक रूप से प्रेरित अवसाद ग्रस्त प्रकरण आते थे, ऐसे में कुर्ग जाने की बात करना और आरोपी को घर से निकाल देना इंप्रूवमेंट का साइन लगता है. आरोपी और चमचा चैनल ये साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि ये सुसाइड था क्योंकि सुशांत गैर-आपराधिक रूप से प्रेरित मानसिक स्वास्थ्य मुद्दे के लिए वास्तविक निर्धारित दवाएं नहीं ले रहे थे.
उन्होंने बताया कि सही नैरेटिव ये लगता है कि सुशांत मिड मई में इंप्रूवव करने लगे क्योंकि उन्होंने आपराधिक रूप से ड्रग्स लेना बंद कर दिया था. मई के मध्य तक सब ठीक था, जब तक आरोपी उसे ब्लैकमेल नहीं कर रही थी. आरोपी 8 जून को सुशांत का लैपटॉप, उनका सेल फोन और दूसरे डिवाइस लेकर चली गई थी. उन डिवाइसेस में क्या था? मेंटल हेल्थ रिपोर्ट के साथ ऐसा क्या था, जिसे लेकर वो उस ब्लैकमेल कर रही थी? आरोपी को उसके सहायकों से साथ रंगे हाथों पकड़ा गया था, जब वो सुशांत के डेबिट कार्ड का पिन बदलने की कोशिश कर रही थी. वो आरोपी को घर से बाहर निकालना चाहता था.
तीसरा, कैद में रखना और कंट्रोल करने पर बात करते हैं. ये दोनों ही एक साइकोपैथ के हथियार होते हैं. आरोपी ने कहा कि मेरी तीन सिस्टर इन लॉ जो वॉटरस्टोन रिजॉर्ट्स (जिसे आरोपी और सहायकों का ड्रग वेन्यू बताया जा रहा है) गई थीं, उसी दिन चली गईं और रुकी नहीं. असली कहानी ये है कि सुशांत ने अपना और अपनी बहनो का टिट बुक कराया था चंडीगढ़ जाने के लिए, उसे फिर से षड्यंत्रकारियों ने ब्लैकमेल किया और टिकट कैंसिल करवाया. कैद में रखना ये होता है. मैं खुश हूं कि मेरी sisters-in-law आरोपी और उसके सहायकों के साथ रुकी नहीं. पता नहीं और क्या नए चार्जेज लगाए जाते. हम जानते हैं ति सुशांत और उसके परिवार के बीच परेशानियां पैदा करने वाली आरोपी ही थी.
चौथा, आरोपी ने कहा- सुशांत के उनके पिता के साथ अच्छे रिश्ते नहीं थे क्योंकि उनके पिता ने उन्हें बहुत यंग एज में छोड़ दिया था. असली कहानी ये है कि मेरे फादर इन लॉ दिल्ली गए थे और सुशांत और प्रियंका दी के साथ रहे थे, जब वो दिल्ली में पढ़ाई कर रहे थे. मेरे लिए, ये एक पिता का समर्पण है अपने बच्चे की शिक्षा के प्रति. मेरी पत्नी श्वेता पटना में पढ़ाई करती थी तो उसके साथ मेरी मदर इन लॉ रहीं ताकि वो स्कूलिंग खत्म कर सके. मैं जो देख सकता हूं वो ये है कि एक मिडिल क्लास फैमिली के माता पिता का अपने बच्चों के लिए प्याग है. आरोपी ऐसी कहानियां क्यों बना रही है?
पांचवा, वीड के बारे में बात करते हैं. आरोपी की ड्रग्स से जुड़ी चैट सामने आने के बाद उसका कहना है कि सुशांत ड्रग्स लेता था. जो पूरी तरह से बकवास है, अगर हम एक पल के लिए मानप भी लें तो वो किस तरह की पार्टनर थी जो अपने प्रियजनों को ड्रग्स देने का काम करती थी. इसके सिर्फ दो मलतब ही होते हैंय या तो आरोपी सुशांत को जबरदस्त ड्रग्स दे रही थी या फिर आरोपी खुद ड्रग्स ले रही थी.
फाइनली, मैं मीतू दी पर बात करता हूं. मैंने नोट किया कि आरोपी मीतू दी पर आरोप लगाने की कोशिश कर रही है. ये एक सोची समझी चाल है. मैं मीतू दी को थैंक्यू कहना चाहता हूं कि वो सुशांत के साथ तब थीं, जब कोई नहीं था. उस घर में आरोपी के सहयोगियो के साथ रहना खतर से खाली नहीं था. आरोपी को बताना चाहिए कि जब मीतू दी चली गई थीं (12 जून को) तब उसने सुशांत से बात करने की कोशिश की थी, मिली थी, ब्लैकमेल किया था या फिर इन सबकी कोई जरूरत नहीं समझी क्योंकि आरोपी को पता था कि सुशांत के साथ कुछ बुरा होने वाला है. विशाल कीर्ती ने अपनी बात को ये कहकर खत्म किया कि उन्हें कानूनी जांच पर भरोसा और कहा- मैं आरोपी के पसंदीदा स्टेटमेंट के साथ क्लोज कर रहा हूं- सत्यमेव जयते.