बीपीएससी की परीक्षा में खाद्य आपूर्ति निरीक्षक के पद पर सफलता अर्जित कर माता-पिता का सम्मान बढ़ाया। एनएच 07 गौशाला गेट के ठीक सामने एक छोटे से तीन कमरे के किराए के टूटे-फूटे घर में एक भाई और दो बहन के साथ रह कर की पढ़ाई। सफलता, गरीबी का मोहताज नहीं होती है। मजबूत इरादे एवं दिल से किए गए मेहनत से जीवन में कभी भी ऊंचाईयों के शिखर पर पहुंचा जा सकता है। कठिन मेहनत सफलता की गारंटी है।
प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती। प्रतिभा और आत्मबल है तो संसाधनों की कमी के बावजूद आप कामयाबी के शिखर तक पहुंच सकते हैं। मुरलीगंज एक छोटे से गल्ला व्यवसाई की पुत्री नेहा कुमारी ने बीपीएससी की 64 वीं परीक्षा में सफलता अर्जित कर यह साबित कर दिखाया कि सफलता गरीबी का मोहताज नहीं. 64 वीं बीपीएससी परीक्षा का परिणाम घोषित होते हैं नेहा के माता किरण देवी पिता पवन कुमार भगत पुत्री की सफलता पर खुशी ठिकाना ना रहा खुशी का इजहार करते हुए पिता ने कहा कि मेरे समुचित जीवन की कमाई का परिणाम आज मुझे मिल गया ।
खुशी के इस पल पर अपनी पुत्री को मिठाई खिलाते हुए माता पिता ने कहा कि मैं मूल रूप से यदुआपडट्टी वार्ड नंबर दो कुमारखंड का निवासी हूं | 990 में मुरलीगंज से मैं व्यापारी के यहां नौकरी कर कुछ वर्षों तक गुजारा किया फिर मुरलीगंज गोपाल गौशाला के ठीक सामने एक छोटे से मकान को किराए पर लेकर अपना छोटा सा गल्ला का कारोबार शुरू किया.
मेरी तीन बेटियां हैं जिनमें सबसे बड़ी नेहा कुमारी उससे छोटी निधि कुमारी और सबसे छोटी पल्लवी तथा बेटा अंकित सभी के शिक्षा के लिए जहां तक हो सके हमने हर संभव प्रयास किया. आज तक इस शहर में | इंच जमीन हम नहीं खरीद पाए हैं | हमारी मंशा थी कि अगर हम अपने बाल बच्चों को पढ़ा लें अच्छी शिक्षा दे लें तो इससे बड़ी कमाई और कुछ नहीं हो सकती और हमारी बड़ी बेटी नेहा ने बीपीएससी की 64 वी परीक्षा में खाद्य आपूर्ति निरीक्षक के पद पर सफलता अर्जित कर दिखला दिया उनकी मेहनत बेकार नहीं गई।