राज्य के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज यानी पीएमसीएच के फर्स्ट इयर के छात्र इन दिनों आंदोलनरत हैं। परीक्षा में बड़ी संख्या में फेल होने के बाद से छात्र नाराज हैं और रिजल्ट में सुधार की मांग कर रहे हैं। नाराज छात्रों ने सोमवार को एक बार फिर पीएमसीएच के ओपीडी को बंद करवा दिया और परिसर में जम कर हंगामा किया।
माना जा रहा है कि फर्स्ट इयर के छात्र पहली बार पीएमसीएच में इतने उग्र हुए हैं। उनकी इस हरकत पर सख्त कार्रवाई करते हुए पटना मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने फर्स्ट इयर के सभी 180 छात्रों को 15 दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया है।
अब अगले 15 दिन वह न तो क्लास कर पायेंगे और न ही हॉस्टल में ही रहेंगे। पीएमसीएच प्राचार्य ने इसकी सूचना पटना डीएम और स्वास्थ्य विभाग को भी दे दी है। प्राचार्य प्रो डॉ विद्यापति चौधरी ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि मैंने पीएमसीएच में बिताये अपने 40 वर्षों में फर्स्ट इयर के छात्रों का ऐसा हंगामा और अनुशासनहीनता नहीं देखी थी। इस तरह की घटना दुखद है। मरीजों के इलाज में बाधा पहुंचाने को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
ओपीडी बंद होने से मची अफरा-तफरी
सुबह करीब नौ बजे से ही छात्र पीएमसीएच परिसर में एकत्र होने लगे थे। करीब 10 बजे उन्होंने आेपीडी को बंद करवा दिया। ओपीडी जिस समय वे बंद करवा रहे थे, उस दौरान सैकड़ों की संख्या में मरीज अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। अचानक छात्रों के हंगामे और ओपीडी बंद होने से मरीजों के बीच अफरा-तफरी का माहौल हो गया।
एनएमसीएच में भी बंद कराया ओपीडी
नालंदा मेडिकल कॉलेज के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने सोमवार को अस्पताल पहुंच कर विरोध प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों ने अस्पताल के केंद्रीय पंजीयन काउंटर को बंद करा दिया। इसके बाद सर्जरी, मेडिसिन, गायनी, इएनटी, नेत्र व अन्य विभागों की ओपीडी में जाकर कार्य करने से रोका। नतीजतन उपचार कराने आये मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।