उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विश्व जनसंख्या दिवस पर एक कानून तैयार किया । इसके अनुसार दो से ज्यादा बच्चे वालों से कई सुविधाएं छीन ली जाएगी । साथ ही साथ उन्हे चुनाव लड़ने का अधिकार भी नहीं मिलेगा । इस बात का असम सरकार ने भी समर्थन किया ।
बिहार में भी इस कानून पर घमर्थन चालू हो गया है । नीतीश कुमार और भाजपा नेताओं में इसको लेकर मतभेद उत्पन्न हो गया है । वहीं इन सबके बीच बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर साफ कर दिया कि प्रदेश में पहले से ही यह कानून लागू है।
पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार के नगर निकायों के चुनावों के लिए सरकार ने पहले ही यह नियम बना रखा है कि दो से अधिक बच्चे वाले लोग उम्मीदवार नहीं बन सकेंगे। अब यह व्यवस्था पंचायतों में लागू करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि उन्होंने यह साफ कर दिया कि यह नियम बनाने के बाद भी इसे लागू करने में एक साल का समय लग जाएगा।
सम्राट चौधरी ने साफ किया कि अगर यह नियम बनता भी है तो आनेवाले पंचायत चुनाव पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 2026 के पंचायत चुनाव में ही इसे लागू किया जा सकता है।
हालांकि इस दौरान उन्होंने सीएम नीतीश कुमार के विचारों से अलग राय करते हुए कहा कि आज देश में इस कानून की जरुरत है। आज जो लोग शिक्षित हो रहे हैं, उनमें प्रजनन दर दो बच्चों तक ही सीमित है। उन्होंने कहा कि आज वह समय आ गया है कि दो से अधिक बच्चों वालों को कोई सुविधा नहीं मिले। सिर्फ चुनाव नहीं, बल्कि हर विभाग ऐसे प्रावधान लागू किए जाए।