मिथिला क्षेत्र और बेगूसराय का पवित्र गंगा तट सिमरिया धाम अब विश्व की मानचित्र पर अपना स्थान बनाएगा। आस्था का पवित्र स्थल व मोक्षदायिनी सिमरिया गंगा नदी तट को विकसित करने की कवायद शुरू हो गई है। बता दे की सिमरिया घाट पर जल्द जानकी पौड़ी निर्माण के तहत पर्यटक स्थल के रुप में विकसित किया जायेगा। इसका मसौदा तैयार किया जा रहा है।
इससे मिथिलांचल समेत पूर्वी बिहार के तीर्थ यात्रियों को फायदा होगा। सिमरिया गंगा घाट को स्वच्छ बनाने के लिए “नमामि गंगे” नामक परियोजना के तहत 200 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। इस परियोजना के तहत गंगा घाटो की सफ़ाई से लेकर अलग-अलग क्षेत्रों की नालियों, मैले पदार्थ और शौचालयों के निर्माण शवदाह गृह का नवीकरण, आधुनिकीकरण और निर्माण होगा । ताकि अधजले शव को नदी में बहाने से रोका जा सके। लोगों और नदियों के बीच संबंध को बेहतर करने के लिए घाटों के निर्माण, मरम्मत और आधुनिकीकरण का लक्ष्य निर्धारित कर सके।
बता दें कि “नमामि गंगे” मिशन की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में न्यूयॉर्क में मैडिसन स्क्वायर गार्डन से किया था। जिससे देश की नदियों को सुरक्षित किया जा सके। जिले में कोरोना की वजह से “नमामि गंगे” परियोजना पर जिला प्रशासन की चर्चा नहीं हो पा रही थी। हाल ही में जिला प्रशासन की टीम ने सिमरिया गंगा घाट का विजिट किया है। अब तत्काल बैठक के बाद सभी प्रोजेक्ट को नमामि गंगे व अन्य विभाग में अनुमोदन हेतु भेजा जाएगा।
ये सब चीज बनेंगे इस संबंध में बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि सिमरिया गंगा नदी के मुख्य स्नान घाट के पास एक किलोमीटर पक्की सीढ़ी का निर्माण, कोरिडोर, धर्मशाला सहित 150 कमरा, पार्क, शौचालय, श्मशान घाट, प्रकाश की व्यवस्था, NH-31 सड़क के किनारे बेहतरीन मुख्य द्वार, सड़क, हरिद्वार की तर्ज पर जानकी पौड़ी सहित अन्य कई कार्य को लेकर एस्टीमेट बनकर तैयार है।