बिहार की नीतीश कुमार की सरकार (Nitish Government) में मंत्री श्याम रजक एक जमाने में लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) के नवरत्नों में शुमार थे. राम और श्याम (Ram and Shyam) की जोड़ी तब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के सबसे करीब लोगों की जोड़ी थी. ‘राम’ यानी रामकृपाल यादव (Ram Kripal Yadav) और ‘श्याम’ यानी श्याम रजक. लालू को जब पहली बार चारा घोटाले के मामले में जेल ले जाया जा रहा था, तब वे पटना के सिविल कोर्ट परिसर में जिस तरह से सुरक्षा बलों से भिड़े थे, वह आज भी उस समय के लोगों को याद है. श्याम रजक कर पटना के फुलवारीशरीफ विधानसभा क्षेत्र में मजबूत जनाधार है. पार्टी कोई भी हो, वे वहां 1995 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं. वे अखिल भारतीय धोबी महासंघ के अध्यक्ष भी हैं.
राज्य सरकार में कई विभागों के मंत्री रहे श्याम रजक
श्याम रजक आरजेडी शासन काल में ऊर्जा, सूचना एवं जनसंपर्क तथा विधि मंत्री रह चुके हैं. जून 2009 में उन्होंने आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था और जनता दल यूनाइटेड (JDU) में शामिल हो गए थे. वर्ष 2010 में वे नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री बने. पांच वर्षों तक वह मंत्री बने रहे. पर 2015 में जब महागठबंधन की सरकार अस्तित्व में आयी तो उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया. जब 2019 में राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ, तब उन्हें फिर से मंत्री बनाया गया.
पार्टी कोई भी रही, फुलवारीशरीफ से हमेशा हुई जीत
पार्टी कोई भी रही हो, पटना के फुलवारीशरीफ विधानसभा क्षेत्र से लंबे सतय से श्याम रजक ही जीतते रहे हैं. जीत का यह सिलसिला 1995 से चला आ रहा है. इसके पहले 1990 में वे चुनाव हार गए थे.
जेडीयू प्रत्याशी के रूप में श्याम रजक ने 2010 में जीत हासिल की थी. तब उन्हें 49.75 प्रतिशत वोट मिले थे. आरेजडी प्रत्याशी उदय कुमार को 34.11 फीसद वोट मिले थे. वर्ष 2015 में भी वे रिकार्ड मतों से जेडीयू के टिकट पर फुलवारीशरीफ से जीते. उन्हें 49.77 फीसद वोट मिले थे. ‘हम’ के राजेश्वर मांझी 25.59 फीसद वोट के साथ दूसरे नंबर पर थे. वर्ष 2005 में भी श्याम रजक ने आरजेडी प्रत्याशी के रूप में फुलवारीशरीफ से चुनाव जीता था. तब उन्हेें 42.61 फीसद वोट मिले थे. उस चुनाव में जेडीयू के उदय कुमार को 29.78 फहसद वोट से संतोष करना पड़ा था. वर्ष 2000 के चुनाव में भी श्याम आरजेडी प्रत्याशी के रूप में 47.23 फीसद वोट के साथ जीते थे. 25.97 फीसद वोट के साथ कांग्रेस के संजीव टोनी उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी थे. वे 1995 में भी जनता दल के प्रत्याशी के रूप में फुलवारीशरीफ से चुनाव जीते थे. वर्ष 2014 में वह जमुई से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं.