बिहार सरकार ने पटना सहित 8 जिलों के बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया स्थगित कर दी है। इन जिलों में पटना, भोजपुर, गया, सारण, रोहतास, औरंगाबाद, जमुई और लखीसराय शामिल हैं। बिहार राज्य खनिज विकास निगम ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया है।
जानकारी हो कि इन 8 जिलों में बालू खनन करीब सात महीने से बंद है, जिसके बाद से इन जिलों में लोगों को दो से तीन गुनी कीमत पर बालू खरीदना पड़ रहा है। इधर 1 अक्टूबर से बिहार के 8 जिलों “नवादा, अरवल, बांका, पूर्वी चंपारण, मधेपुरा, किशनगंज, वैशाली और बक्सर” में बालू खनन जारी है।
आपको बता दें कि राज्य में बालू की किल्लत और लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक के जरिए एक अक्टूबर से बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया था। आदेश था कि जिनके पास पूर्व से पर्यावरण स्वीकृति प्रमाण-पत्र हैं, वे इन जिलों के बालू घाटों की निविदा प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं। विभाग ने निविदा का काम खनन निगम को सौंपा था।
सरकार के इस फैसले के बाद ग्रीन ट्रिब्यूनल ने यह कहकर निविदा पर सवाल उठाए थे कि पुराने पर्यावरण प्रमाण-पत्रों के आधार पर बालू घाटों की निविदा कैसे हो सकती है। टिब्यूनल के आदेश के बाद राज्य सरकार ने विधि-विशेषज्ञों से परामर्श किया।
उम्मीद जताई गई थी कि बीच का कोई रास्ता निकल जाएगा और निविदा प्रक्रिया जारी रह सकेगी, लेकिन इस बीच 25 अक्टूबर को ग्रीन ट्रिब्यूनल ने निविदा प्रक्रिया स्थगित रखने का निर्देश दे दिया। निविदा के लिए संवेदकों को 28 अक्टूबर तक का समय दिया गया था। ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ अब सरकार कोर्ट जाएगी। अब कोर्ट का फैसला आने के बाद ही घाटों की बंदोबस्ती का कोई फैसला हो सकेगा।