बिहार सहित पुरे देश में कोरोना वारियर्स की एक ऐसी टीम बन रही है जो अपनी परवाह किये बिना दिन रात कोरोना मरीजों के सेवा में जुटी हुई है । इनमें शामिल है डॉक्टर्स, नर्स, पुलिसवाले और कई ऐसे लोग जो बिना किसी लोभ और लालच के दूसरों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं ।
कोरोना काल के दौरान अपनी जिम्मेदारी से भागते कई अधिकारी और कर्मियों की खबर अक्सर देश भर में सुर्खियां बन रही है लेकिन हम आपको आज बता रहे हैं बिहार की दो ऐसी महिला कोरोना वारियर्स (Lady Corona Warriors) की कहानी जो गर्भवती होने के बाद भी अपने फर्ज का पूरी तरह से निर्वहन कर रही हैं. बिहार की ये दोनों महिलाएं कटिहार में एएनएम (नर्स) हैं. कटिहार (Katihar) जिला में स्वास्थ्य विभाग में सुलेखा और सोनी अप्रैल माह में योगदान किया था, जिसके बाद दोनों की ड्यूटी कटिहार सदर अस्पताल के वैक्सीनेशन केंद्र पर लगाई गई थी लेकिन कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद फिलहाल दोनों कटिहार आईसीयू में तैनात हैं.
दोनों महिलाकर्मी गर्भवती हैं लेकिन इसके बावजूद कोरोना के इस विकराल दौर में भी अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए ड्यूटी पर बनी हुई हैं. सुलेखा अब सात माह की गर्भवती है. इस दौरान कोरोना के मरीजों को रोज इलाज करते हुए उसकी खुद की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आ गई है, जिसके बाद सुलेखा कुछ तनाव में तो जरूर है लेकिन कहती है कि उन्हें अफसोस इस बात कि है कि अब आगे वो लोगों को अपनी सेवा नहीं दे पाएगी.
छह माह की गर्भवती सोनी कहती हैं कि सुलेखा की पॉजिटिव होने की खबर के बाद कुछ डर तो जरूर है लेकिन फर्ज के सामने सब कुछ कुर्बान है. सोनी ने कहा कि जब तक शरीर साथ देगा अपनी जिम्मेदारी से नहीं भागेंगे. कटिहार अस्पताल मैनेजेर भवेश कुमार कहते हैं कि एक दिन पहले ही सुलेखा की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिसके बाद उन्हें ऑफ कर दिया गया है. आगे स्वास्थ्य विभाग उनके लिए तमाम सुविधाओं पर ध्यान रखेगा. स्वास्थ्य प्रबंधक कहते हैं कि वाकई कटिहार स्वास्थ्य विभाग के लिए अन्य कर्मियों के साथ-साथ ये दोनों महिला स्वास्थ्य कर्मी एक उदाहरण हैं. जिस दौर में अपने ही लोग अपनों से मुंह मोड़ लेते हैं उस दौरान ये दोनों महिला दोहरी जिंदगी को दांव में लगाकर लोगों की सेवा के लिए तत्पर हैं.