कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर के मुकाबले काफ़ी ज्यादा खतरनाक साबित हुई. इस भयानक वायरस पर लगाम लगाने की तमाम कोशिशें चल ही रही थीं कि Black Fungus नाम की एक और बीमारी ने जन्म ले लिया. ब्लैक, व्हाइट और येलो फंगस में सबसे ज़्यादा केस ब्लैक फंगस के सामने आए हैं. डॉक्टर्स का मानना है कि आम तौर पर ब्लैक फंगस इंसानों की आंख को प्रभावित करता है लेकिन पटना से सामने आए इस नए केस ने फंगस का एक अलग ही रूप दिखा.
दिमाग में पाया गया ब्लैक फंगस
यह मामला पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान से सामने आया है. यहां फंगस ने एक रोगी के नाक से प्रवेश कर उसकी आंखों व साइनस को अधिक प्रभावित न करते हुए सीधे मस्तिष्क में प्रवेश कर लिया था. डॉक्टर्स की मानें, तो यह प्रदेश का पहला ऐसा मामला है जहां ब्लैक फंगस मस्तिष्क में पाया गया है. राहत की बात ये है कि संस्थान के विशेषज्ञ मस्तिष्क की इस कठिन सर्जरी को सफलता पूर्वक पूरा करने में सफल रहे हैं. वहीं आश्चर्य की बात यह रही कि मरीज के दिमाग से क्रिकेट बॉल के बराबर फंगस इंफेक्शन निकाला गया.
संक्रमण नाक से सीधे मस्तिष्क तक पहुंच गया
इस विषय में जानकारी देते हुए अस्पताल अधीक्षक डा. मनीष मंडल ने बताया कि आमतौर पर ब्लैक फंगस नाक से प्रवेश कर आंखों को प्रभावित करता है लेकिन जमुई निवासी अनिल कुमार के मामले में कुछ भिन्न देखने को मिला. इस मामले में संक्रमण नाक से सीधे मस्तिष्क तक पहुंच गया. फंगस के सीधे मस्तिष्क तक पहुंचने के कारण मरीज की आंखों को कोई क्षति नहीं हुई.
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सफल रहा तथा अब मरीज खतरे से बाहर है. इस कठिन ऑपरेशन की सफलता के बाद अस्पताल निदेशक डॉ. एनआर विश्वास ने इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाली मेडिकल टीम को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें बधाई दी है.