कोरोना वायरस के खिलाफ फ्रंट पर काम करने वाले कोरोना के रियल फाइटर पिछले 6 माह से बिना वेतन के काम कर रहे हैं । कई ऐसे हैं जो कई दिनों से अपने घर भी नहीं गए हैं, बिना वेतन के काम कर रहे हैं ये हैं असली हीरो । बात बिहार के स्वास्थ्यकर्मियों की हो रही है ।
बताया जा रहा है कि स्वास्थ्यकर्मी और उनसे जुड़े संगठनों ने प्रदेश सरकार सहित स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों से मुलाकात कर कई बार सैलरी की मांग की। लेकिन अब तक सैलरी नहीं मिली है। जिससे स्वास्थ्यकर्मियों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री के बयान को गलत बता रहे संघ के नेता
स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के सैलरी देने को लेकर विभाग के मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि हर महीने स्वास्थ्यकर्मियों को वेतन रिलीज किया जाता है। अगर किसी को नहीं मिला है तो वह शिकायत कर सकते हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग से जुड़े संगठन बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के महामंत्री विश्वनाथ सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री के दावे को गलत करार दिया है। कहा कि बिहार के 7 मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल, 36 सदर हॉस्पिटल, 38 सब डिविजनल हॉस्पिटल और 67 रेफरल हॉस्पिटल सहित लगभग 530 पीएचसी-सीएसी हॉस्पिटलों में कार्यरत लगभग 15 हजार डॉक्टर और 20 हजार कर्मचारियों को पिछले 6 से 8 महीने से सैलरी नहीं मिली है। इसके विरोध में स्वास्थ्य कर्मी मार्च में हड़ताल करने वाले थे, लेकिन कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए स्थगित कर दिया गया है। सैलरी नहीं मिलने के बाद भी वह काम कर रहे हैं।