इसे राजद का जदयू प्रेम माना जाए या शीर्ष स्तर की गलती? लालू प्रसाद की पार्टी ने जदयू की अहम सदस्य एवं वरिष्ठ नेता प्रोफेसर कुमकुम राय को राष्ट्रीय टीम में ऊंचा ओहदा दिया है। राजद ने कुमकुम को अपनी नेशनल टीम में राष्ट्रीय सचिव बनाया है। हैरत तो यह कि राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एस. एम. कमर आलम ने गुरुवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मीडिया को कुमकुम राय के मनोनयन के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने यह भी दावा किया कि लालू प्रसाद से अनुमति लेने के बाद ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की जा रही है। किंतु कुमकुम ने देर रात राजद के दावे को खारिज करते हुए खुद को जदयू के साथ बताया।
19 अगस्त 2019 को पटना के जदयू कार्यालय में आरसीपी सिंह ने उन्हें जदयू की सदस्यता दिलाई थी। अगले दिन के अखबारों में मेरी तस्वीर के साथ यह खबर भी छपी भी थी। पता नहीं, कैसे राजद ने मुझे राष्ट्रीय सचिव बना दिया है। ओहदा देने के पहले किसी ने मुझसे बात भी नहीं की है। –प्रो. कुमकुम राय, जदयू सदस्य
कुमकुम राय ने दैनिक जागरण से खास बातचीत में कहा कि वह लालू प्रसाद के साथ नहीं, बल्कि नीतीश कुमार के साथ हैं। पता नहीं कैसे उन्हें राजद में पदाधिकारी बना दिया गया है। कुमकुम का कहना है कि उन्होंने 19 अगस्त 2019 को ही राजद छोड़कर जदयू की सदस्यता ले ली थी। अब मेरी पूरी आस्था मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ है।
लालू की नई टीम में कुमकुम के शामिल होने से राजद की सक्रियता और सजगता पर सवाल उठना लाजिमी है। आखिर जिस कुमकुम ने सात महीने पहले पाला बदलकर राजद को अलविदा कह दिया उन्हें किस आधार पर राजद की शीर्ष टीम में पदाधिकारी बना दिया गया। यहां तक कि सूचना देने पर भी भूल सुधार की कोशिश नहीं की गई। उल्टे दावा किया गया कि कुमकुम का राजद के साथ पुराना रिश्ता है।