राज्य के बाहर फंसे बिहारिय़ों के पक्ष में आरजेडी ने सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठने का एलान किया है। आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने एलान किया है कि अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर बिहार के मजदूरों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ उपवास पर बैठेंगे। उन्होनें कहा कि जनहित में उठाई गई मांग को असंवेदनशील बिहार सरकार असभ्य तरीके से ठुकरा रही है।
जगदानंद सिंह ने कहा है कि सरकार समाज द्वारा निर्मित सर्वोच्च संस्था होती है, जिसकी जिम्मेवारी होती है कि आसमानी आपदा चाहे, आंधी हो, तुफान हो, सुनामी हो, ओलावृष्टि हो, अतिवृष्टि हो, बाढ हो या किसी तरह की व्याधि (रोग) हो जहां जनजीवन विपत्ति में पड़े वहां सरकार अपनी पूरी ताकत से खड़ी होकर सम्भावित बचाव करे।मगर ऐसे समय में सरकार स्वयं समस्या पैदा करने लगे तब जनता को मुखर होना पड़ता है। करोना की व्याधि से दुनिया पीड़ित है। भारत भी पीड़ित है, पीड़ित बिहार की पीड़ा उनके सर पर बढ़ती जा रही है। राष्ट्रीय जनता दल एवं प्रतिपक्ष के नेता व्यथित एवं चिंतित हैं कि आखिर बिहार सरकार इस तरह की अमानवीय व्यवहार क्यों कर रही है।
उन्होनें कहा कि 25 लाख से ऊपर मजदूर भारत के हर हिस्से में अनाथ की तरह पड़े हुए हैं। अच्छी शिक्षा की तलाश में बाहर गये विद्यार्थी बेबस होकर अपने साथ हो रहे व्यवहार से दुखित हैं। मजदूर कार्य के अभाव में भूख से बिल-बिला रहे हैं। मजदूरों एवं विद्यार्थियों के अभिभावक सरकार से निराश हैं असमय की बारिश एवं ओलावृष्टि ने ग्रामीणों के फसल को नष्ट कर दिया है। बिहार सरकार आराम से मुख्यमंत्री आवास में सोई हुई है। प्रत्येक राज्य सरकारें अपने नागरिकों को चाहें वे मजदूर हों या विद्यार्थी या पर्यटक या धार्मिक यात्रा पर निकले हो, इस लॉकडाउन में अपने नागरिकों को अपने-अपने घर में लाकर मुश्किल की घड़ी में सभी इंतजाम कर रही है। अन्य सरकारें अपने जनता की हिफाजत में लगी है, मगर बिहार सरकार लोगों को पीड़ा पहुंचाने में आनन्द महसूस कर रही है। क्या यह सुल्तानी आपदा नहीं है।
जगदानंद सिंह ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में राजद ने 13 मार्च को अपने प्रशिक्षण शिविर से लेकर बेरोज़गारी हटाओ यात्रा सहित सभी राजनीतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए। तेजस्वी यादव ने अपनी राजनीतिक दौरा को रोक दिया तथा शुरू से हीं राज्य में भाईचारा बना रहे, किसी तरह का अवरोध सरकार के काम में न आवे, हर कदम का समर्थन के साथ सहयोग करते आए हैं। अचानक हुए लॉकडाउन के चलते दिल्ली में रूके हैं मगर वहीं से अन्य राज्यों में रहने वाले बिहारी भाईयों के लिए राशन, साधन देते एवं दिलाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। लगातार जनहित में बिहार सरकार से मांग करते रहे हैं कि बिहार का कोई भी व्यक्ति जहां भी हो अपनी धरती पर आने का अवसर दिया जाय तथा भूख से किसी को मरने नहीं दिया जाय।
उन्होनें कहा कि जनहित में उठाई गई मांग को असंवेदनशील बिहार सरकार असभ्य तरीके से ठुकरा रही है। ऐसे समय राजद ने निर्णय लिया है कि 01 मई, अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस पर हम सभी एक दिवसीय स्वैच्छिक उपवास के साथ अनिवार्य रूप से सुबह दस बजे से दिन के बारह बजे तक अपने-अपने निवास पर परिवार के साथ आवश्यक शारीरिक दूरी बनाकर अनशन पर बैठेंगे। सुल्तानी आपदा से बचाव का रास्ता तलाशना आवश्यक हो गया है।