बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजधानी रांची में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। पड़ोसी राज्य बिहार के बड़े राजनीतिक दल राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे हैं। खराब स्वास्थ्य के कारण फिलहाल उनका इलाज रिम्स में चल रहा है। इसके लिए उन्हें रिम्स निदेशक के बंगले में रखा गया है। कहने को पार्टी प्रमुख जेल में हैं लेकिन हकीकत में रिम्स का केली बंगलो राजद का अघोषित हेडक्वार्टर बन गया है। राजद की लालटेन के भरोसे अपनी राजनीतिक नैया पार करने की उम्मीद पाले बैठे विधायक पद के संभावित दावेदारों की फौज हर दिन बिहार से झारखंड पहुंच रही है। पार्टी का टिकट पाने के लिए हर दिन सैकड़ों बायोडाटा राजद प्रमुख के बंगले में जमा हो रहे हैं। दावेदारों को पूरी उम्मीद है कि अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों के पार्टी प्रत्याशियों के नाम पर अंतिम मुहर लालू प्रसाद ही लगाएंगे।
लिहाजा बायोडाटा जमा करने वाले लोग पूरे उत्साह से रिम्स पहुंच रहे हैं। पार्टी नेताओं को लग रहा है कि बायोडाटा पहुंचने के बाद उनकी दावेदारी ज्यादा मजबूत हो जाएगी। इसी उम्मीद से बिहार के लालगंज विधानसभा क्षेत्र से पार्टी का टिकट लेने के लिए मंजू सिंह रविवार को निदेशक के बंगले के बाहर पहुंची। उनका कहना था कि अगर लालू प्रसाद का आशीर्वाद मिल गया तो उनका टिकट पक्का हो जाएगा। इनके अलावा समस्तीपुर से पार्टी के प्रदेश महासचिव अनीता यादव भी टिकट के लिए अपना बायोडाटा लेकर पहुंची थी। चुनाव की गतिविधि बढ़ने के साथ ही पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं का भीड़ केली बंगले के बाहर बढ़ रही है। हर दिन नजारा मेले जैसा रह रहा है। नेता बायोडाटा हाथ में लिए लालू प्रसाद से मुलाकात के लिए इंतजार कर रहे हैं। बायोडाटा में चुनाव के लिए विधानसभा का प्रमुखता से उल्लेख किया गया है। रिम्स के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में 250 से अधिक बायोडाटा जमा हो चुके हैं। पूरी राजनीतिक गतिविधि में पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष की सक्रियता काफी बढ़ी हुई है। लालू यादव से मुलाकात करने की इच्छा रखने वाले कई दावेदार पहले झारखंड प्रदेश अध्यक्ष से ही संपर्क कर रहे हैं।
रिम्स निदेशक बंगले की गतिविधियों को देखकर बिहार में बढ़ते राजनीतिक तापमान का अनुमान लगाया जा सकता है। संभावित प्रत्याशियों की पार्टी प्रमुख से मुलाकात फाइनल कराने में जेल नियमावली का अनुपालन नहीं हो रहा। बिना किसी पूर्व सूचना के कई नेताओं ने लालू से मुलाकात भी की है।सूत्रों ने बताया कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने बगैर जेल प्रशासन से अनुमति लिए रविवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मिले। पिछले साल नवंबर-दिसंबर में झारखंड विधानसभा चुनाव में राजद सुप्रीमो पेइंग वार्ड में इलाजरत थे। हर दिन चुनाव टिकट के लिए कार्यकर्ताओं की भीड़ पेइंग वार्ड में लगी रहती थी। एक बार फिर वही कहानी दोहराई जा रही है। जेल प्रशासन व पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन ने फिलहाल मौन धारण कर रखा है।
लिहाजा बायोडाटा जमा करने वाले लोग पूरे उत्साह से रिम्स पहुंच रहे हैं। पार्टी नेताओं को लग रहा है कि बायोडाटा पहुंचने के बाद उनकी दावेदारी ज्यादा मजबूत हो जाएगी। इसी उम्मीद से बिहार के लालगंज विधानसभा क्षेत्र से पार्टी का टिकट लेने के लिए मंजू सिंह रविवार को निदेशक के बंगले के बाहर पहुंची। उनका कहना था कि अगर लालू प्रसाद का आशीर्वाद मिल गया तो उनका टिकट पक्का हो जाएगा। इनके अलावा समस्तीपुर से पार्टी के प्रदेश महासचिव अनीता यादव भी टिकट के लिए अपना बायोडाटा लेकर पहुंची थी। चुनाव की गतिविधि बढ़ने के साथ ही पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं का भीड़ केली बंगले के बाहर बढ़ रही है। हर दिन नजारा मेले जैसा रह रहा है। नेता बायोडाटा हाथ में लिए लालू प्रसाद से मुलाकात के लिए इंतजार कर रहे हैं। बायोडाटा में चुनाव के लिए विधानसभा का प्रमुखता से उल्लेख किया गया है। रिम्स के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में 250 से अधिक बायोडाटा जमा हो चुके हैं। पूरी राजनीतिक गतिविधि में पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष की सक्रियता काफी बढ़ी हुई है। लालू यादव से मुलाकात करने की इच्छा रखने वाले कई दावेदार पहले झारखंड प्रदेश अध्यक्ष से ही संपर्क कर रहे हैं।
रिम्स निदेशक बंगले की गतिविधियों को देखकर बिहार में बढ़ते राजनीतिक तापमान का अनुमान लगाया जा सकता है। संभावित प्रत्याशियों की पार्टी प्रमुख से मुलाकात फाइनल कराने में जेल नियमावली का अनुपालन नहीं हो रहा। बिना किसी पूर्व सूचना के कई नेताओं ने लालू से मुलाकात भी की है।सूत्रों ने बताया कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने बगैर जेल प्रशासन से अनुमति लिए रविवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मिले। पिछले साल नवंबर-दिसंबर में झारखंड विधानसभा चुनाव में राजद सुप्रीमो पेइंग वार्ड में इलाजरत थे। हर दिन चुनाव टिकट के लिए कार्यकर्ताओं की भीड़ पेइंग वार्ड में लगी रहती थी। एक बार फिर वही कहानी दोहराई जा रही है। जेल प्रशासन व पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन ने फिलहाल मौन धारण कर रखा है।