
संवैधानिक प्रावधानाें के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा नियुक्ति की घाेषणा के बावजूद बिना राज्यपाल से शपथ लिए वह व्यक्ति बिहार विद्युत विनियामक आयोग का अध्यक्ष पद नहीं संभाल सकता है। लेकिन रिटायर आईएएस शिशिर सिन्हा ने राज्यपाल से शपथग्रहण किए बिना बुधवार काे बिहार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण कर लिया। वह गुरुवार को भी कार्यालय अाए। इससे आयोग दफ्तर के साथ-साथ उर्जा विभाग के कर्मचारी और अधिकारी भी परेशान रहे। कई ने तो दबी जुबान से ही सिन्हा को यह भी बताया कि यह कार्य उचित नहीं। इस पद से 1 अक्टूबर 2020 को एसके नेगी सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद से अध्यक्ष का पद खाली था। राज्य सरकार के नोटिफिकेशन के बाद राज्यपाल से पद एवं गोपनीयता की शपथ लेनी थी। लेकिन, चुनाव के कारण सिन्हा का शपथग्रहण नहीं हो सका।
देश के पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने भी कहा-बिना शपथ लिए कोई भी व्यक्ति इस तरह पद संभाल ही नहीं सकता
अभी तक सिन्हा का शपथग्रहण नहीं हुआ है। उनके शपथग्रहण की तिथि तय होने पर ही उन्हें शपथ दिलायी जाएगी। -चैतन्य प्रसाद, राज्यपाल के प्रधान सचिव
विशेषज्ञों के अनुसार इलेक्ट्रिसिटी एक्ट की धारा 89 (3) के अनुसार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष को राज्यपाल से पद एवं गोपनीयता की शपथ लेना अनिवार्य है। अबतक अध्यक्ष बनने वाले सभी लोगों को राज्यपाल के द्वारा पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी गयी है। लेकिन, शिशिर सिन्हा ने बगैर शपथ लिए पदभार ग्रहण कर लिया है। देश के पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस.डी. संजय ने भी कहा कि आफिस में प्रवेश करने के पहले शपथ लेना आवश्यक है। कोई व्यक्ति अगर ऐसा नहीं करते हैं तो वह नियमानुकूल नहीं है।