माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने राजीव कुमार को 10 सितंबर को उन्हें अपना नया एमडी बनाया। बता दें राजीव ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ अपने 27 साल की नौकरी में स्मार्टफोन पर एमएस वर्ड, पावर प्वॉइंट, एक्सल के साथ पूरा ऑफिस यूजर को उपलब्ध कराया। इसी के साथ ही राजीव ने भारत में क्लाउड को फोकस कर नया डेटा सेंटर बनाने में भी बड़ी भूमिका निभाई।
राजीव कुमार बिहार के भागलपुर के रहने वाले हैं। राजीव को उनके घर वाले राजू कहकर बुलाते हैं। कंपनी में बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद राजीव अपने गाँव पहुंचे। जहाँ उन्होंने अपने माता-पिता से आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी बात की। राजीव ने अपने कॉलेज के दिनों के बारे में बात करते हुए कहा कि मास्टर डिग्री पूरी कर कैम्पस प्लेसमेंट में उन्हें दो बड़ी कंपनियों से नौकरी का ऑफर मिला।
राजीव ने बताया कि प्लेसमेंट के समय एक तेल कंपनी ने 59000 डॉलर दे रही थी। वहीँ माइक्रोसॉफ्ट ने मात्र 28000 डॉलर का ही ऑफर दिया था। उस समय माइक्रोसॉफ्ट नई कंपनी थी और खुद को साबित करने काफी अच्छा मौका था। इसलिए मैंने माइक्रोसॉफ्ट के साथ जाना बेहतर समझा। जिसके बाद अमेरिका के रेडमंड में उन्हें सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनाया गया उसेक बाद डिप्टी मैनेजर, जीएम, कॉरपोरेट वाइस प्रेसिडेंट तक बने। वे इस पद पर रहने के साथ एमडी (आरएंडडी) भी बनाए गए।
इसी के साथ ही राजीव ने हॉस्टल में जगह नहीं मिलने का किस्सा बताते हुए कहा कि जब उन्हें कॉलेज के हॉस्टल में जगह नहीं मिली तो उन्होंने रेलवे स्टेशन पर भी कई राते बिताई थीं। बता दें राजीव का जन्म जबरा गांव में 20 दिसंबर 1968 को हुआ। उनके पिता झारखंड के साहेबगंज स्थित सेंट जेवियर्स स्कूल में अध्यापक थे। राजीव पढ़ाई में शुरू से ही अच्छे थे। इसी के चलते ही उनके पिता ने उनका एडमिशन अपने ही स्कूल में कराया था।