राजद में टूट अभी बिहार के लिये उतनी बड़ी खबर नहीं है । जितनी ये है कि लालू के लाल का परिषद जाने का सपना टूट गया है । असल में तेजस्वी यादव अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव को विधान परिषद के सहारे सदन में भेजना चाह रहे थे । लेकिन राजद के टूट ने सियासी समीकरण बिगाड़ दिया और तेजप्रताप के बदले सुनील कुमार को पार्टी ने टिकट दे दिया ।
राष्ट्रीय जनता दल ने आखिरकार अपने विधान परिषद उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी। जिन तीन चेहरों को विधान परिषद भेजा जा रहा है उनमें लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का चेहरा शामिल नहीं है। तेज प्रताप यादव विधानसभा चुनाव लड़ने की बजाय इस बार परिषद जाना चाहते थे। तेज ने इसके लिए अपने पापा लालू यादव को मना भी लिया था। खुद लालू यादव ने कहा था कि तेज प्रताप यादव को विधानपरिषद भेजकर सेफ दिया जाए लेकिन ऐन वक्त पर उनका पत्ता साफ हो गया। सभी उम्मीदवार निकल गए और तेज बाबू लटक गए।
आरजेडी (RJD) में मचे बवाल के बीच आखिरकार विधानपरिषद के चुनाव के लिए पार्टी में 3 उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लग गई है. बुधवार की दोपहर 12:00 बजे सभी तीनों उम्मीदवार अपना नामांकन भरेंगे. इनमें पहला नाम है सुनील कुमार सिंह (Sunil Singh) का. वही सुनील सिंह जिन्हें राबड़ी देवी (Rabri Devi) राखी बांधा करती हैं और राखी की ये तस्वीरें खूब वायरल भी होती हैं. सुनील सिंह को राबड़ी देवी का मुंह बोला भाई भी माना जाता है, ऐसे में रिश्ते में सुनील सिंह तेजस्वी और तेजप्रताप यादव के मामा हुए. लंबे समय से सुनील कुमार सिंह लालू परिवार के बेहद करीबी रहे हैं. लालू परिवार पर जब भी कोई बड़ा संकट आया है, सुनील कुमार सिंह हमेशा परिवार के साथ खड़े रहे हैं.
शायद यही कारण है कि सुनील सिंह पर पूरा लालू परिवार मेहरबान है. इसके बाद दूसरे उम्मीदवार हैं प्रोफेसर रामबली चंद्रवंशी. बीएन कॉलेज के जियोलॉजी के प्रोफेसर रामबली आरजेडी अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. लंबे समय से रामबली चंद्रवंशी लालू यादव के साथ हैं, लेकिन अति पिछड़ा चेहरे के तौर पर आरजेडी और लालू यादव ने उनपर भरोसा जताया है. तीसरे उम्मीदवार हैं उनके बारे में बहुत कुछ जानकारी तो नहीं, लेकिन बताया जाता है कि उनका मुंबई में बड़ा कारोबार है. नाम है मोहम्मद फारुख. बिहार के शिवहर के मूल निवासी हैं. पिछले कुछ समय से मोहम्मद फारुख लालू परिवार से बहुत करीब हो गए हैं. खबर यह भी है कि मोहम्मद फारुख के पास अकूत संपत्ति है.