पुष्पम प्रिया चौधरी नाम तो याद ही होगा। अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन खर्च कर खुद को सीएम उम्मीदवार पेश कर रही थी। यही नहीं कुछ दिन पहले तक बिहार को वह बदल देने की बात कर रही थी, लेकिन इस कोरोना के संकट में चौधरी कहा हैं यह किसी को पता नहीं है और नहीं वह बिहार के लोगों के मदद के लिए आगे आ रही है। अब सवाल है कि इस संकट की घड़ी में जब वह बिहारियों के लिए आगे नहीं आ रही हैं तो बिहारी कैसे उनको सीएम बनाएंगे। यह बात चौधरी को सोचनी होगी।
विज्ञापन पर करोड़ों खर्च लेकिन सीएम राहत कोष में नहीं दी एक पैसा
चौधरी चर्चा में आने के लिए एक दिन में एक करोड़ रुपए का विज्ञापन छपवा दी, लेकिन कोरोना से लड़ने के लिए बिहार के लिए कुछ पैसा भी सीएम राहत कोष में अबतक जमा नहीं की। वह भी ऐसे वक्त में जब खुद सीएम इसको लेकर सभी नेताओं से अपील कर रहे हैं। ऐसे वक्त में चौधरी एक दम पीछे हैं। इस वक्त सभी दलों के नेता सीएम राहत कोष और पीएम राहत कोष में पैसा जमा कर रहे हैं। चौधरी लॉकडाउन में फंसे कुछ मजदूरों को लेकर कुछ नेताओं को ट्वीट की, लेकिन किसी ने कोई एक्शन नहीं लिया।
नीतीश कुमार को चुनौती देने पहुंची थी उनके गृह जिला
14 मार्च को वह सीएम नीतीश कुमार को चुनौती देने के लिए उनके गृह जिला नालंदा गई थी। बारिश के बीच वह अपने पार्टी का एक किसान को सदस्य बनाई थी। इस दौरान चौधरी ने कहा था कि बिहार को बदलने की प्लुरल्स की योजना बहुत स्पष्ट है। अंतराष्ट्रीय ज्ञान और जमीनी अनुभव की साझेदारी ताकि कृषि क्रांति, औद्योगिक क्रांति और नगरीय क्रांति की नई कहानी लिखी जा सके। सुमंत कुमार जैसे कृषि उद्यमी बिहार के इस सुनहरे भविष्य की मिसाल बनेंगे। आज नालंदा की ऐतिहासिक धरती पर प्लुरल्स में शामिल होने पर आपको बहुत बधाई और शुभकामनाएं। आपके साथ मिलकर हम बिहार की कृषि व्यवस्था का इतिहास और भूगोल बदलेंगे।
कौन है पुष्पम प्रिया चौधरी
8 मार्च को बिहार के अखबारों में छपे एक विज्ञापन ने राजनीतिक गलियारों में सनसनी मचा दी थी। इस विज्ञापन में पुष्पम प्रिया चौधरी नाम खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया था। बिहार के सियासी गलियारे के भी ज्यादातर लोग पुष्पम प्रिया चौधरी के बारे में नहीं जानते थे। बाद में सभी को पता चला कि पुष्पम कोई और नहीं बल्कि जेडीयू नेता विनोद चौधरी की बेटी है जो लंदन में रहती है। पुष्पम प्रिया चौधरी ने नई राजनीतिक पार्टी ‘प्लूरल्स’ बनाया है। वह कहां से चुनाव लड़ेंगी, उनके साथ कौन-कौन से नेता हैं ऐसी कोई जानकारी अब तक नहीं दी गयी है। उन्होंने अपने विज्ञापन में लिखा था कि जो बिहार से प्यार करते हैं और राजनीति से नफरत उनके लिए ये सही प्लेटफॉर्म है। पुष्पम लोगों से उनकी पार्टी ज्वाइन कर सत्ता में बैठे लोगों से ताकत छीनने को कह रही थी। पुष्पम इंग्लैंड के द इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज विश्वविद्यालय से एमए इन डेवलपमेंट स्टडीज और लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स एंड पॉलीटिकल साइंस से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए किया है। चौधरी विज्ञापन पर करीब एक ही दिन में एक करोड़ रुपए खर्च कर चुकी हैं।
फर्स्ट बिहार से इनपुट के साथ