समस्तीपुर के मोहनपुर में एनडीए की एक चुनावी सभा में आयोजित चुनावी सभा। कोरोना न फैले इसलिए बिहार में पूजा-पंडाल-प्रसाद पर पहले से रोक।नेताओं ने सोशल मीडिया पर खुद ही डाले सबूत, फिर चुनाव आयोग चुप क्यों
लोगों को कोरोना से बचाने के लिए अदालतें संवेदनशील बनी हुई हैं। सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने दुर्गा पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की एंट्री बैन कर दी। इसी तरह सुप्रीम कोर्ट ने नांदेड़ साहिब में जुलूस निकालने का फैसला भी राज्य पर छोड़ दिया।
दूसरी ओर, नेता रैलियों में जुटने वाली भीड़ के फोटो खुद ही सोशल मीडिया पर डालकर ताकत दर्शाने में लगे हैं। बिहार समेत सभी चुनावी राज्यों में लगातार ऐसे रैलियां हो रही हैं, जिनमें न मास्क, न दो गज की दूरी का नियम अपनाया जा रहा है।…दुर्भाग्य ये कि चुनाव आयोग भी खामोश है। भास्कर ने बिहार के अपर मुख्य चुनाव अधिकारी संजय कुमार सिंह से सवाल किया तो वे बोले- ‘रैलियों में ऑब्जर्वर हैं। उनकी रिपोर्ट पर कार्रवाई होगी।’
कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश: बंगाल में नवरात्र में दुर्गा पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं। अधिकतम 25 सदस्यों के ही पंडाल में रहने की अनुमति। सुप्रीम कोर्ट का निर्देश: महाराष्ट्र सरकार तय करे कि नांदेड़ साहिब में सिख जुलूस कैसे निकालेंगे।
वृंदावन बांके बिहारी मंदिर भीड़ के कारण बंद कर दिया गया। केंद्र सरकार ने राजनीतिक सभाओं को पहले 100 लोगों तक सीमित किया था। फिर 8 अक्टूबर काे नए निर्देश जारी कर चुनावी राज्य-जिलाें के लिए ढील दी। अब चुनावी रैली में असीमित लाेग शामिल हाे सकते हैं। गौरतलब है कि बिहार में पूजा-पंडाल पर पहले से रोक है।