दिनांक 24 दिसंबर 2019 को CAA के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना सहरसा के युवाओं को मंहगा साबित हो गया है । सहरसा जिले के जिला बाल संरक्षण ईकाई के सहायक निदेशक भाष्कर प्रियदर्शी और श्रम प्रर्वतन पदाधिकारी रितेश कुमार ने संयुक्त रूप से सहरसा सदर थाने में इसके लिये आवेदन देकर 16 नामजद और अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है । सदर थाने को दिये गए आवेदन में उन्होने कहा है कि उनकी नियुक्ति उक्त जुलुस में दण्डाधिकारी के रूप में हुई थी लेकिन उनके मना करने पर भी भीड़ द्वारा डीजे का उपयोग पुरी रैली में किया गया तथा सदर अनुमंडलाधिकारी के आदेश के बावजूद समाहरणालय के मुख्य द्वार पर भीड़ इक्कट्ठा कर सभा की गई ।
समर्थन में उतरे सहरसा के पुर्व विधायक संजीव झा
श्री झा ने कल एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि –
सहरसा में CAA एवं NRC के समर्थन में गत 24 दिसम्बर को निकाले गये शांतिपूर्ण पैदल मार्च में सम्मिलित 16 युवाओं पर जिला प्रशासन द्वारा FIR दर्ज करने का आदेश बेहद निंदनीय है। देश के लिये मर-मिटनेवाले युवा हुंकार की आवाज को मुकदमा के डर से दबाया नही जा सकता है। जिला प्रशासन को यह भी बताना चाहिये कि उक्त समर्थन मार्च से पूर्व इस कानून के विरोध में निकाले गये रैली में सड़क पर नंगा नाच करनेवाले कितने लोगों पर FIR किया गया। भेदभाव की नीति अपनाकर जिला प्रशासन क्या संदेश देना चाहती है ? जिस आरोप में इन 16 युवाओं पर मुकदमा दर्ज किया गया है, अगर प्रशासन को FIR दर्ज ही करना है तो मेरे ऊपर करे अन्यथा सभी युवाओं के ऊपर दर्ज किये गये FIR को वापस लें।
ज्ञात हो CAA के समर्थन में एवं लोगों को CAA के बारे में जागरूकता फैलाने के उदेश्य से सहरसा के राष्ट्रवादी युवाओं की टोली बिना किसी बैनर के भगवा झंडे के बैनर तले एक जागरूकता रैली निकाली थी । रैली में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहा था तथा लोगों को CAA के बारे में जागरूक किया जा रहा था ।