कोरोना के मानवीय संकट को मौका में बदलकर मोटी कमाई कर रहे प्राइवेट अस्पतालों को कड़ा संदेश देते हुए पटना जिला प्रशासन ने कंकड़बाग के जीडीएम अस्पताल में एफआईआर का आदेश दिया है. पूर्वी इंदिरा नगर के जीडीएम हॉस्पिटल के खिलाफ वहां भर्ती कोरोना मरीज के परिजनों ने कच्चा बिल बनाकर 6 लाख 43 हजार वसूलने की कोशिश की शिकायत प्रशासन से की थी. जांच में शिकायत सही मिलने पर पटना डीएम के आदेश पर प्राइवेट अस्पताल के एमडी समेत पांच लोगों पर कंकड़बाग थाना में प्राथमिकी दर्ज हो गई है.
पटना डीएम ने कहा है कि प्राइवेट अस्पतालों की लगातार मॉनिटरिंग चल रही है. जिला प्रशासन ने कहा है कि अनुचित, अवैध एवं मनमानी फीस रखने और मरीजों से जबरन फीस वसूली करने के आरोप में जेडीएम हॉस्पिटल, कंकड़बाग के डायरेक्टर सहित पांच व्यक्तियों पर कंकड़बाग थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
पटना डीएम ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को पक्का पुर्जा देने, उचित फीस रखने, खर्च की विवरणी स्पष्ट करने का निर्देश दिया है जिससे मरीजों को दिक्कत ना हो. डीएम ने सभी प्राइवेट अस्पतालों की निगरानी और निरीक्षण करके जांच रिपोर्ट देने के काम पर मजिस्ट्रेट को लगा दिया है.
जेडीएम हॉस्पिटल की शिकायत डीएम ने एसडीओ तनय सुल्तानिया को जांच टीम गठित करने का आदेश दिया था. डीएम ने सहायक अनुमंडल पदाधिकारी सदर, जिला कार्यक्रम समन्वयक पटना और कंकड़बाग थानाध्यक्ष की टीम को जांच का निर्देश दिया था. जांच टीम ने अस्पताल प्रशासन के कर्मियों तथा मरीजों एवं उनकने परिजनों से पूछताछ की.
जांच के क्रम में पाया गया कि अस्पताल प्रशासन द्वारा कच्चा बिल देकर मरीज एवं उसके परिजन को 6,34,200 रुपए भुगतान करने को कहा गया. मरीज के परिजन द्वारा पक्का बिल एवं खर्च का आइटमवार विवरणी मांगने पर अस्पताल ने मरीज को जबरन बंद कर दिया.
जांट टीम की रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने अस्पताल के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. डीएम ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को उचित फीस रखने, पक्का बिल देने तथा अस्पताल में आइटमवार फीस सूची प्रर्दशित करने की सख्त हिदायत दी है.