लॉकडाउन में बिहार बीजेपी के विधायक अनिल सिंह द्वारा गाड़ी से अपने बेटे को राजस्थान के कोटा से पटना लाने के मामले ने राजनितिक रंग पकड़ लिया है। एक तरफ जदयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजनितिक सलाहकार प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश को बीजेपी विधायक द्वारा कोटा से बेटे को पटना लाये जाने के सवाल पर नैतिकता का पाठ पढ़ाया है वहीँ बिहार की मुख्य विपक्षी दल राजद ने भी सीएम को जमकर लताड़ लगाई है। राजद लगातार कोटा में फंसे छात्रों को बिहार वापस लाने की मांग कर रही है। इस बीच बिहार बीजेपी के विधायक अनिल सिंह द्वारा पटना से कोटा फिर कोटा से पटना के सफर पर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लिखा है कि बिहार CM यूपी CM को कह रहे थे कि उन्हें कोटा में फँसे छात्रों को वापस लाने के लिए बसों को अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। दूसरी तरफ़ अपने MLA को गोपनीय तरीक़े से उनके बेटे को वापस लाने की अनुमति दे रहे थे।बिहार में ऐसे अनेकों VIP और अधिकारियों को पास निर्गत किए गए। फँसे बेचारा ग़रीब।
बिहार CM यूपी CM को कह रहे थे कि उन्हें कोटा में फँसे छात्रों को वापस लाने के लिए बसों को अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। दूसरी तरफ़ अपने MLA को गोपनीय तरीक़े से उनके बेटे को वापस लाने की अनुमति दे रहे थे।बिहार में ऐसे अनेकों VIP और अधिकारियों को पास निर्गत किए गए। फँसे बेचारा ग़रीब.. pic.twitter.com/mCNHZpRRVM
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 19, 2020
वहीं राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने सीएम नीतीश से कई सवाल किये है। तिवारी ने पूछा है कि क्या बिहार में आम और खास के लिए कानून अलग-अलग है ? सरकार वीआईपी और रसूखदार परिवार के बच्चों को कोटा से घर लाने की इजाजत सरकार दे रही है, लेकिन गरीब परिवार के हजारो बच्चे कोटा में फंसे हुए हैं इसकी चिंता सरकार को नहीं है। नीतीश सरकार दूसरों को लॉकडाउन सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ा रही है लेकिन उनके अपने विधायक ही इसका पालन नहीं कर रहे हैं। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने मांग किया कि जल्द से जल्द जो भी बच्चे बाहर फंसे हुए हैं उनको अपने संसाधनों का उपयोग करके उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाय।
बता दें कि बिहार में आम लोगों, दिहाड़ी मजदूरों, छात्रों को लॉकडाउन में जहां हैं वहीँ रहने की और सोशल डिस्टेंसिंग का ज्ञान बांटने वाले सीएम नीतीश के गठबंधन दल बीजेपी के विधायक अनिल सिंह अपने गाड़ी से पटना से कोटा गये और अपने बेटे सहित बेटे के कई दोस्तों को लेकर कोटा से पटना आ गये। मीडिया में खबर आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। बिहार के नवादा जिले के हिसुआ विधानसभा के बीजेपी विधायक अनिल सिंह ने इस खबर की पुष्टि भी की है। विधायक ने कहां कि जिलाधिकारी द्वारा उन्हें कोटा जाने की अनुमति दी गई थी। उन्होंने आवेदन किया था। जिलाधिकारी से मिले परमिशन को गाड़ी में लगाकर वह कोटा पहुंचे, मैनें कोई गलत नहीं किया है। विधायक के इस तरह अपने बेटे को कोटा से पटना लाने की खबर के बाद कोटा में फंसे छात्रों को मायूसी हाथ लगी है। बच्चे खाने पीने के सामान की दिक्कत होने की जानकारी वीडियो जारी कर दे रहे हैं लेकिन सरकार अब तक कोई ठोस निर्णय पर पहुंची है।